रामलीला को लेकर भाजपा-शिवसेना में ठनी, आजाद मैदान में इस साल नहीं गूंजेंगी रामचरित मानस की चौपाईयां

BJP-Shiv Sena face to face over Ramlila, Ramcharit Manas will not resonate in Azad Maidan this year
रामलीला को लेकर भाजपा-शिवसेना में ठनी, आजाद मैदान में इस साल नहीं गूंजेंगी रामचरित मानस की चौपाईयां
रामलीला को लेकर भाजपा-शिवसेना में ठनी, आजाद मैदान में इस साल नहीं गूंजेंगी रामचरित मानस की चौपाईयां

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में मंदिर सहित सभी धार्मिक स्थलों को खोलने के मुद्दे के बाद अब रामलीला के मंचन की अनुमति को लेकर भाजपा और शिवसेना सामने है। भाजपा विधायक अतुल भातखलकर के रामलीला के आयोजन की अनुमति देने की मांग पर शिवसेना ने पलटवार किया है। जबकि प्रदेश भाजपा प्रवक्ता व विधायक राम कदम ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर रामलीला आयोजन की अनुमति देने की मांग की है। शुक्रवार को शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक ने कहा कि भगवान राम के नाम पर वोट मांगने वाली भाजपा के लिए वोटों की राजनीति अभी खत्म नहीं हुई है। भाजपा भगवान राम के मुद्दे पर कितने साल राजनीति करेगी? सरनाईक ने कहा कि भाजपा नेता भातखलकर केवल धर्म के नाम पर राजनीति करने के लिए यह मांग कर रहे हैं। उन्हें जनता कभी माफ नहीं करेगी। सरनाईक ने कहा कि बीते दिनों एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद कहा है कि कोरोना का संकट टला नहीं है। भाजपा को कम से कम प्रधानमंत्री की बात सुननी चाहिए। सरनाईक ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे धीरे-धीरे गतिविधियों को शुरू करने की अनुमति दे रहे हैं लेकिन राज्य सरकार और मुख्यमंत्री पर केवल निशाना साधने के लिए इस तरह की मांग करना गलत है। राकांपा सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि मुख्यमंत्री परिस्थिति की समीक्षा कर नागरिकों के हितों का फैसला करेंगे। हर प्रदेश में कोरोना की स्थिति अलग-अलग है। इसलिए प्रदेश के मुख्यमंत्री गतिविधियों को शुरू करने के लिए सभी बिन्दुओं को ध्यान में रखकर फैसला ले रहे हैं।   

रामलीला के लिए अनुमति दें खुद को रामभक्त कहने वाले सीएमः भातखलकर

वहीं भाजपा विधायक भातखलकर ने कहा कि नवरात्र के मौके पर मुंबई समेत महाराष्ट्र में रामलीला के मंचन की परंपरा रही है। खुद को रामभक्त कहने वाले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंदिर खोलने की अनुमति नहीं दी लेकिन मेरा आग्रह है कि कम से कम वे रामलीला के आयोजन के लिए अनुमति दें। 

आजाद मैदान में इस साल नहीं गूंजेंगी रामचरित मानस की चौपाईयां

साहित्य कला मंच ने इस बार दशहरा के मौके पर ऑनलाइन सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया है। 25 अक्टूबर को सुंदरकांड पाठ का प्रसारण फेसबुक और यूट्यूब पर किया जाएगा। साहित्य कला मंच के मंत्री विनय मिश्रा ने ‘दैनिक भास्कर’ से बातचीत में कहा कि हम लोग पिछले 42 सालों से मुंबई के आजाद मैदान में रामलीला का आयोजन करते हैं लेकिन इस बार कोरना के कारण अगले साल तक के लिए यह रामलीला स्थगित कर दी गई है। मिश्रा ने कहा कि हम लोग पुलिस के पास रामलीला के मंचन की अनुमति के लिए गए थे लेकिन पुलिस ने कहा कि अधिकतम 50 लोगों को ही जुटाया जा सकता है। इतने कम लोगों के बीच रामलीला का मंचन संभव नहीं था। इसलिए हमने ऑनलाइन सुंदरकांड पाठ का आयोजन करने का फैसला लिया है। मिश्रा ने कहा कि हमें साहित्य कला मंच की इतने सालों की परंपरा को टूटने नहीं देना है। इसलिए हम लोगों ने सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया है। सुंदरकांड पाठ के लिए केवल साहित्य कला मंच के सदस्य मौजूद रहेंगे। पुलिस और प्रशासन के नियमों का पालन कर आयोजन किया जाएगा। भीड़ से बचने के लिए कार्यक्रम स्थल की जानकारी नहीं दी गई है। 

ऑनलाइन रामलीला का आयोजन संभव नहीं 

आदर्श रामलीला समिति के राजेंद्र अग्रवाल कहते हैं कि समिति की ओर से मुंबई के गिरगांव में 56 सालों से रामलीला का आयोजन किया जा रहा है। इस साल कोरोना के मद्देनजर नियमों का पालन करते हुए दर्शकों की कुर्सियां दूर-दूर लगाकर रामलीला के आयोजन की तैयारी थी लेकिन सरकार की ओर से आयोजन की अनुमति के संबंध में कोई फैसला नहीं लिया गया। अग्रवाल ने कहा कि सभी लोग ऑनलाइन आयोजन की बात करते हैं लेकिन यह संभव नहीं है। ऑनलाइन आयोजन के लिए कलाकार कहां से लाएंगे? रामलीला का मंचन करने वाले सभी कलाकार मुंबई के बाहर से आते हैं। उनके आने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। दूसरे ऑनलाइन आयोजन में दर्शकों को जुटा पाना भी मुश्किल है।
 

Created On :   16 Oct 2020 7:37 PM IST

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