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अजित पवार-अनिल परब की सीबीआई जांच चाहती है भाजपा, बैठक में प्रस्ताव पारित
डिजिटल डेस्क, मुंबई। भाजपा ने प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाझे के पत्र में उपमुख्यमंत्री अजित पवार पर लगाए गए वसूली के आरोपों की सीबीआई जांच की मांग के लिए प्रस्ताव पारित किया है। भाजपा अजित पवार के अलावा राज्य के परिवहन मंत्री अनिल परब की भी सीबीआई जांच चाहती है। गुरुवार को दादर स्थित मुंबई भाजपा कार्यालय में प्रदेश भाजपा की कार्यकारिणी बैठक हुई। विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील समेत पार्टी के विधायक और प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य मौजूद थे। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तथा प्रदेश भाजपा प्रभारी सी टी रवि ने बैठक में ऑनलाइन हिस्सा लिया। बैठक में राज्य सरकार के खिलाफ राजनितिक प्रस्ताव और किसान विरोधी नीतियों को लेकर कृषि प्रस्ताव मंजूर किए गए।
अजित-परब का नाम लेने स बचे शेलार
प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में भाजपा के विधायक आशीष शेलार ने राजनीतिक प्रस्ताव पेश किया। शेलार राजनीतिक प्रस्ताव पर भाषण दे रहे थे। राजनीतिक प्रस्ताव में अजित पवार और अनिल परब की सीबीआई जांच की मांग का उल्लेख था लेकिन शेलार अजित पवार और अनिल परब की सीबीसीआई जांच की मांग करने वाले मुद्दे का उल्लेख नहीं किया। इसके बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पाटील ने कहा कि प्रस्ताव में अजित पवार और अनिल परब की सीबीसीआई जांच की मांग की गई है। पत्रकारों से बातचीत में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पाटील ने कहा कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के वसूली के आरोपों के पत्र के आधार पर तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख की सीबीआई जांच हो रही है। इसी तरह से वाझे के पत्र के आधार पर अजित पवार और अनिल परब की सीबीआई जांच होनी चाहिए क्योंकि वाझे ने अपने पत्र में दोनों पर वसूली करने का आरोप लगाया है।
सर्कस जैसी है ठाकरे सरकारः फडणवीस
जबकि विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि महाविकास आघाड़ी सरकार में सरकार का अस्तित्व नजर नहीं आता है। समझ नहीं आता है कि राज्य में सरकार है अथवा सर्कस चल रहा है। सरकार के मंत्री अपने विभाग के राजे (राजा) हो गए हैं जबकि सरकार के हर विभाग में एक-एक वाझे हैं। फडणवीस ने कहा कि सरकार के मंत्री और राज्य मंत्री खुद को मुख्यमंत्री समझते हैं। फडणवीस ने मराठा आरक्षण को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राज्य पिछड़ा आयोग को यह रिपोर्ट तैयार करना पड़ेगा कि मराठा समाज पिछड़ा है। इसके बाद राज्य सरकार इस रिपोर्ट के आधार पर केंद्र सरकार के पास जा सकती है लेकिन यह जानकारी होते भी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे मराठा आरक्षण की बहाली के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है। फडणवीस ने कहा कि राज्य पिछड़ा आयोग में मराठा आरक्षण का एक भी विशेषज्ञ को शामिल नहीं किया गया है।
वाझे पर दबाव डाल कर लिखाया गया था पत्रः जयंत पाटील
भाजपा की ओर से अजित पवार की सीबीआई जांच की मांग पर राकांपा ने पलटवार किया है। राकांपा प्रदेश अध्यक्ष तथा राज्य के जलसंसाधन मंत्री जंयत पाटील ने कहा कि वाझे पर एंटीलिया मामले में गंभीर आरोप लगे हैं। उनके पत्र के आधार पर अजित पवार की सीबीसीआई जांच की मांग से भाजपा की वैचारिक दिवालियापन नजर आता है। उस्मानाबाद में पाटील ने कहा कि वाझे पर दबाव डालकर पत्र लिखावा गया है। वाझे द्वारा दोनों मंत्रियों पर लगाए गए आरोप निराधार हैं। पाटील ने कहा कि भाजपा इतने निचले स्तर पर उतर गई है कि प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में महाराष्ट्र के विकास की बजाय मंत्रियों की सीबीआई जांच की मांग के लिए प्रस्ताव पारित कर रही है।
गौरतलब है कि गत विधानसभा चुनाव के बाद 23 नवंबर 2019 को देवेंद्र फडणवीस ने अजित पवार के साथ सरकार बनाई थी। हालांकि अजित पवार के पीछे हटने के बाद फडणवीस की सरकार 80 घंटे में गिर गई थी। इसके बाद से पहली बार भाजपा अजित पवार को लेकर इतनी सख्त नजर आ रही है।
Created On :   24 Jun 2021 8:47 PM IST