अधिकारियों के तबादलों के लेकर अदालत जाएगी भाजपा, पाटील की चेतावनी 

BJP will go to court regarding transfer of officers, warning of Patil
अधिकारियों के तबादलों के लेकर अदालत जाएगी भाजपा, पाटील की चेतावनी 
अधिकारियों के तबादलों के लेकर अदालत जाएगी भाजपा, पाटील की चेतावनी 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने राज्य सरकार को अफसरों के तबादले को लेकर अदालत में जाने की चेतावनी दी है। सोमवार को पाटील ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने सरकार के 15 प्रतिशत तबादले की अनुमति के बारे में शासनादेश जारी होने के बाद हुए तबादलों की सीआईडी जांच की मांग की है। भाजपा नेता ने कहा कि सरकार ने अफसरों के तबादलों की सीआईडी जांच नहीं कराई तो हम अदालत में जाएंगे। 

पाटील ने कहा है कि अधिकारियों के तबादलों में कानून का उलंघन हुआ है। उन्होंने कहा कि तबादले में बड़े पैमाने पर आर्थिक व्यवहार हुआ है। तबादला नियम के अनुसार तीन आईएएस अधिकारियों की आस्थापना समिति अफसरों के तबादले का प्रस्ताव तैयार करती है। यदि इसमें बदलाव करना होता है तो संबंधित मंत्री को उसका लिखित कारण देना पड़ता है। इसके बाद मुख्यमंत्री तबादले की फाइल पर हस्ताक्षर करते हैं।

वहीं जिन अफसरों का एक विभाग में तीन साल का कार्यकाल पूरा नहीं होता है, यदि उनका तबादला करना है, तो संबंधित मंत्री को तबादले की फाइल पर लिखित कारण बताना पड़ता है। इसके बाद मुख्यमंत्री फाइल पर अंतिम हस्ताक्षर करते हैं। लेकिन इस बार तबादले के समय यह प्रक्रिया पूरी नहीं की गई है। पाटील ने कहा कि मुख्यमंत्री संबंधित सभी फाइलों को जनता के सामने रखने का आदेश दें। साथ ही तबादले के नियमों का उल्लंघन करने वालों पर जिम्मेदारी निश्चित करें।

पाटील ने कहा कि कोरोना संकट के कारण राज्य की वित्तिय स्थिति गंभीर होने के कारण सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों का मार्च महीने का पूरा वेतन नहीं दिया गया है लेकिन तबादले का आदेश देने से अधिकारियों और कर्मचारियों को तबादला भत्ता देना पड़ेगा। इस पर सरकार की तिजोरी पर कितना भार पड़ा है इसकी जानकारी भी सरकार को देनी चाहिए। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पाटील ने कहा कि सरकार के वित्त विभाग ने 4 मई को शासनादेश जारी करके तबादलों पर रोक लगा दिया था लेकिन इसके बाद 7 जुलाई को 15 प्रतिशत तबादले की अनुमति दी गई। जिसकी अवधि 10 अगस्त तक बढ़ाई गई। इसी आधार पर 31 मई तक जिन अधिकारियों और कर्मचारियों का अपने कार्यालय में तीन साल का कार्यकाल पूरा नहीं हुआ है, उन्हें हटाकर मंत्रियों ने अपने मनपंसद के अधिकारियों की नियुक्ति की है। 
 

Created On :   17 Aug 2020 5:52 PM IST

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