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अंतिम समय में भाजपा की ओर से शुरु हुआ विधायकों को खरीदने का खेल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए आखरी समय में भाजपा विधायकों को तोड़ने के लिए साम, दाम, दंड, भेद की नीति अपनाने में जुट गई है। हालांकि इसके संकेत उस दिन ही मिल गए थे, जब भाजपा नेता नारायण राणे ने कहा था कि सरकार बनाने के लिए जो करना होगा वो करेंगे। नाम न छापने की शर्त पर अमरावती जिले की एक विधानसभा सीट से पहली बार चुनकर आए एक युवा विधायक ने बताया कि भाजपा ने उन्हे 60 करोड़ रुपये देने की पेशकश की है।
विधायक ने यहां बातचीत में बताया कि चिमुर से भाजपा विधायक बंटी बांगडिया ने इसके लिए उनसे दो बार व्यक्तिगत रुप से संपर्क किया है। उन्होने मुझे 60 करोड़ रुपये देने की पेशकश रखी। मुलाकात के दौरान उन्होने टोकन के रुप में पहले 10 करोड़ रुपये नकद और शेष राशि का चेक देने की बात कहीं। इतना ही नही खुद देवेन्द्र फडणवीस ने भी अमरावती जिला अध्यक्ष के माध्यम से उनके मोबाईल फोने से मेरे साथ चार बार बात की है। जवाब में उनसे यही कहा कि पहले वे मेरे पार्टी अध्यक्ष से बात करें। इसके अलावा शिवसेना की ओर से भी उन्हे ऑफर दी गई है। इसके लिए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के अलावा उनसे सुभाष देसाई और एकनाथ शिंदे ने भी संपर्क किया है।
उन्होने कहा कि भाजपा ने सभी निर्दलीय के अलावा अन्य छोटे दलों के विधायकों तोड़ने की अपनी मुहिम तेज कर दी है। भाजपा नेता अपने मध्यस्थों के माध्यम से इन सभी विधायकों को 60 करोड़ रुपे देने की पेशकश कर रहे है। इसमें बढोतरी भी कर सकते है। उन्होने दावा किया कि भाजपा का यह सिलसिला 14 नवंबर से शुरु हुआ है। युवा विधायक ने उन नामों का भी खुलासा किया जिन्हे विधायकों को तोड़ने की जिम्मेदारी सौंपी है।
इनमें परिणय फुके को 2, बंटी बांगडिया-2, नारायण राणे-10, प्रवीण पोटे-2, प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील-5, गिरीश महाजन-5, आशिष शेलार-5, सदाभाऊ खोत को 2 विधायक लाने की जिम्मेदारी दी गई है। इसके लिए भाजपा ने यह शर्त रखी है कि जो 2 विधायकों को तोडेगा उसे राज्यमंत्री पद और 3 विधायकों पर एक कैबिनेट मंत्री पद दिया जायेगा।
Created On :   17 Nov 2019 2:08 PM IST