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ब्लैक फंगस ने छीन ली आँखों की रोशनी, ऑपरेशन से लौटी - मेडिकल कॉलेज में छिंदवाड़ा निवासी मरीज का इलाज
डिजिटल डेस्क जबलपुर । पोस्ट कोविड बीमारी म्यूकोर माइकोसिस यानी ब्लैक फंगस की जाँच व उपचार में देरी करना छिंदवाड़ा जिले के विकासखण्ड हर्रई निवासी अंजली नेमा को भारी पड़ गया, संक्रमण अधिक फैल जाने की वजह से उनके जबड़े में दर्द शुरू हो गया, साथ ही आँख से दिखाई देना ही बंद हो गया था। ऐसे में उन्हें जबलपुर के नेताजी सुभाष चन्द्र बोस मेडिकल कॉलेज में ब्लैक फंगस के डेडिकेटेड वार्ड में भर्ती कर उनका नि:शुल्क उपचार शुरू किया गया। वार्ड प्रभारी और ई.एन.टी. विभागाध्यक्ष डॉ. कविता सचदेवा ने गहन जाँच के दौरान पाया कि ब्लैक फंगस के अत्यधिक संक्रमण की वजह से अंजली की आँख के अंदर मवाद बन गया है। इस वजह से अंजली को दिखना बंद हो गया है। साथ ही संक्रमण ऊपरी जबड़े तक भी फैल चुका था मरीज की स्थिति खराब थी। मरीज को दिखना बंद हो गया था। इसके बाद अंजली की सर्जरी की गई, जिसके उनकी आँखों की रोशनी लौट आई। अंजली ने पोस्ट कोविड मरीजों से आग्रह किया है कि दिक्कत या समस्या होने पर बिना देरी किये तुरंत जाँच करायें। इससे डरें और घबरायें नहीं, ताकि लोगों को मेरे जैसी समस्या का सामना नहीं करना पड़े।
माँग के मुताबिक नहीं इंजेक्शनों की सप्लाई - इधर ब्लैक फंगस के इलाज में उपयोग इंजेक्शन्स की कमी बाजार में बनी हुई है। मरीजों के परिजन पर्ची लेकर भटक रहे हैं, लेकिन उन्हें इजेक्शन नहीं मिल रहे हैं। माँग बढऩे से इंजेक्शन की कालाबाजारी की शंका भी तेज हो गई है। प्रशासन द्वारा इंजेक्शन की सप्लाई चेन पर नजर रखने की बात कही जा रही है, इसके बाद भी मरीजों के लिए इंजेक्शन्स की किल्लत बनी हुई है। वर्तमान में शहर में ब्लैक फंगस के 100 से भी ज्यादा मरीज उपचार करा रहे हैं।
Created On :   24 May 2021 3:19 PM IST