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ब्लड प्रेशर व शुगर नॉर्मल फिर भी हाई बताकर क्लेम कर दिया निरस्त
आरोप - इफको टोकियो बीमा कंपनी ने कोरोना कवच पॉलिसी में कर दिखाया कमाल
डिजिटल डेस्क जबलपुर । इफको टोकियो की कोरोना कवच पॉलिसी लोगों ने ली और उसमें तरह-तरह के नुस्ख निकालकर बीमा क्लेम देने में कंपनी पीछे हट रही है। इस तरह के आरोप पॉलिसी धारक लगा रहे हैं। पीडि़तों का कहना है कि कोरोना कवच पॉलिसी में ब्लड प्रेशर, शुगर नॉर्मल होने के बाद हाई बताकर अस्पताल का कैशलेस नहीं किया गया और जब बिल लगाए गए तो बीमा कंपनी ने आज तक भुगतान नहीं किया। यह गोलमाल किसी एक ग्राहक के साथ नहीं किया गया बल्कि अनेक पॉलिसी धारकों के साथ इंश्योरेंस कंपनी लगातार हीलाहवाली करते हुए सारे बिलों को रिजेक्ट करने में लगी हुई है। वहीं कई परिवार कोरोना संक्रमण में पूरी तरह टूट चुके हैं और ऊपर से बीमा कंपनी ने संकट के समय में साथ नहीं दिया। पीडि़तों को कई उम्मीदें बीमा कंपनी से थीं पर वो बीमितों के सारे सपनो को तोड़ चुकी है, अब पॉलिसी धारक किससे उम्मीद करें ताकि उनकी समस्याओं का निराकरण हो सके। पीडि़तों ने माँग की है कि बीमा कंपनी पर जिम्मेदार सख्त कार्रवाई करें।
रिपोर्ट ही चेंज हो गई बीमा कंपनी पहुँचते-पहुँचते..?
भोपाल निवासी पुष्पिता राजावत ने अपनी शिकायत में बताया कि उन्होंने इफको टोकियो से बीमा कराया था। कोरोना कवच नाम की पॉलिसी के माध्यम से सारे लाभ देने का वादा बीमा कंपनी द्वारा किया गया था। 2 दिसम्बर 2020 को कोरोना संक्रमण की शिकार होने पर उन्हें चिरायु अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। वहाँ पर कैशलेस का प्रयास किया पर अस्पताल प्रबंधन ने कैशलेस करने से इनकार कर दिया। उन्होंने इलाज का पूरा पैसा अपने पास से दिया और उसके बाद बीमा कंपनी में क्लेम किया और अस्पताल की रिपोर्ट, दवाई व अस्पताल के बिल भी लगाए। उनकी जो रिपोर्ट थी उस रिपोर्ट में शुगर, बीपी सब नॉर्मल हैं पर बीमा कंपनी ने कह दिया कि आपका बीपी हाई रहता है, इसलिए बीमा क्लेम निरस्त किया जाता है। पुष्पिता राजावत का कहना है कि उन्होंने कई बार टोल-फ्री नंबर व बीमा कंपनी के अधिकारियों से संपर्क किया पर उन्हें किसी तरह का सहयोग नहीं मिल रहा है। पीडि़त का आरोप है कि बीमा कंपनी ने सीधे तौर पर हमारे साथ ठगी की है और हमारी अस्पताल की रिपोर्ट ही चेंज कर दी।
भुगतान की हिस्ट्री नहीं बताई तो नो क्लेम का लैटर भेज दिया
यादव कॉलोनी निवासी रोहन चतुर्वेदी ने बताया कि उन्होंने कोरोना रक्षक पॉलिसी इफको टोकियो से ली थी। वे कोरोना संक्रमण का शिकार 27 अक्टूबर 2020 को हो गए थे। उसके बाद कोठारी अस्पताल में उन्होंने इलाज कराया था। अस्पताल में कैशलेस नहीं होने पर पीडि़त ने बीमा कंपनी में क्लेम किया। बीमा कंपनी ने अनेक क्वेरी निकाली थीं। क्वेरी के सारे दस्तावेज रोहन ने उपलब्ध कराए पर बीमा कंपनी ने यह कहकर क्लेम निरस्त कर दिया कि आपके द्वारा भुगतान हिस्ट्री सही नहीं दिखाई गई और आप शासकीय सेवक हैं और आपने ऑफिस की छुट्टी का विवरण नहीं दर्शाया है। अस्पताल की जो रिपोर्ट दी गई है वह बनावटी है। इस तरह के कई आरोप बीमा कंपनी ने पॉलिसी धारक पर लगाते हुए कोरोना संक्रमण का बिल भुगतान करने से इनकार कर दिया। पीडि़त के द्वारा दोबारा इफको टोकियो कंपनी से संपर्क किया गया और अपना पूरा पक्ष रखा पर बीमा कंपनी उनकी बात सुनने तैयार नहीं हैं। पीडि़त का आरोप है कि बीमा कंपनी पॉलिसी धारकों से धोखा कर रही है।
इनका कहना है
दावे का खण्डन पॉलिसी के नियमों और शर्तों के अनुसार है और अन्य मामले में हमने दावों को संसाधित करने के लिए कुछ दस्तावेज व स्पष्टीकरण की माँग की है और हम दावे को संसाधित करने के लिए इसकी जाँच कर रहे हैं।
पुष्पा हरिहरन वीपी और हैड हेल्थ
Created On :   3 Jun 2021 4:34 PM IST