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सड़कों को गड्ढा मुक्त करने सभी रास्तों को अपने अधिकार क्षेत्र में चाहती है बीएमसी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) आयुक्त इकबाल सिंह चहल के उस सुझाव पर विचार करने को कहा जिसके तहत मनपा आयुक्त ने महानगर की सभी सड़को एक प्राधिकरण यानी मुंबई मनपा को सौंपने का निवेदन किया है। जिससे मनपा महानगर की सड़कों की ठीक से मरम्मत व उनका रखरखाव कर सके। जिससे सड़को पर गड्ढे न दिखे।दरअसल हाईकोर्ट में मुंबई की सड़कों के गड्ढो से संबंधित न्यायालय की अवमानना को लेकर अधिवक्ता रुजु ठक्कर व अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है। पिछले सप्ताह मनपा आयुक्त ने मुंबई की सड़कों की स्थिति को लेकर हाईकोर्ट में एक प्रजेंटेशन दिया था। इस दौरान मनपा आयुक्त ने सुझाव स्वरुप कहा था कि मुंबई की सारी सड़कों का जिम्मा उन्हें सौप दिया जाए। ताकि मनपा सड़कों का रखरखाव बेहतर ढंग से कर सके। इस बारे में राज्य सरकार व राज्य के मुख्य सचिव को पत्र भी लिखा गया है।
इस दौरान उन्होंने कहा था कि कि मुंबई की सड़कों पर गड्ढे दिखते हैं तो लोग मनपा को कोसते हैं लेकिन यहां की सड़के का कुछ हिस्सा मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए), बीपीटी, पीडब्ल्यूडी, बीएआरसी व विमान पत्तन प्राधिकरण के दायरे में आता है। इसके मद्देनजर मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति एमएस कर्णिक की खंडपीठ ने राज्य सरकार को मनपा आयुक्त के इस सुझाव पर विचार करने का निर्देश दिया है। खंडपीठ ने कहा कि हम अपेक्षा करते हैं कि मनपा 30 महीने में मुंबई की सारी सड़कों का कांक्रिटीकरण का काम पूरा करेगी। वर्तमान में मनपा के अंतर्गत 2050 किमी लंबी सड़क आती है। इसमें से सिर्फ 990 किमी सड़क का ही कांक्रिटीकरण हुआ है। इसके साथ ही खंडपीठ ने मुंबई व अन्य प्राधिकारणों को सड़कों के रखरखाव से जुड़ी प्रगति रिपोर्ट हर दो माह में कोर्ट में पेश करने को कहा है। खंडपीठ ने अब इस याचिका पर सुनवाई एक दिसंबर 2022 को रखी है।
Created On :   8 Oct 2022 10:07 PM IST