उस रात की सुबह नहीं, जिस ट्रेन से जाना था घर उसी से रवाना हुए शव - ट्रेक पर छूट गई रोटियां

‌Bodies of 16 laborers sent from that train by which they want to go live
उस रात की सुबह नहीं, जिस ट्रेन से जाना था घर उसी से रवाना हुए शव - ट्रेक पर छूट गई रोटियां
उस रात की सुबह नहीं, जिस ट्रेन से जाना था घर उसी से रवाना हुए शव - ट्रेक पर छूट गई रोटियां

डिजिटल डेस्क, औरंगाबाद। जिस ट्रेन से घर पहुंचने की चाह थी, उसी ट्रेन ने 16 मजदूरों को हमेशा के लिए मौत की नींद सुला दिया। जिन्दा तो घर पहुंच नहीं सके, लेकिन शुक्रवार 8 मई की देर रात उनके शव उसी ट्रेन से रवाना किए गए। जो जिंदा बच गए थे, वो चार मजदूर बिछड़े साथियों के शवों को देख-देखकर आंसू बहा रहे थे, शनिवार 9 मई को दोपहर साढ़े बारह बजे करमाड पुलिस ने सभी शवों को अंतिम संस्कार के लिए मध्य प्रदेश प्रशासन के हवाले कर दिया। 

Created On :   10 May 2020 4:20 PM IST

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