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ऑनलाईन फार्म भरने में गलती से कम नहीं होती प्रतिभा- HC, मेडिकल छात्रा को राहत

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि फार्म भरने में हुई गलती के लिए प्रतिभावान विद्यार्थी को दंडित नहीं किया जाना चाहिए। यह गलती उसकी प्रतिभा को खत्म नहीं करती। बॉम्बे हाईकोर्ट ने मेडिकल एडमिशन के लिए बनाए गए सीईटी सेल को निर्देश दिया है कि वह आनलाइन फार्म भरने में गलती करने वाली एक छात्रा को MBBS पाठ्यक्रम के दूसरे दौर की प्रवेश प्रक्रिया में शामिल होने का अवसर प्रदान करे। इससे पहले छात्रा को दाखिले के अपात्र ठहरा दिया गया था।
याचिका के मुताबिक छात्रा ने डिफेन्स 3 कोटा के तहत हेल्थ साइंस से जुड़े पाठ्यक्रम में एडमिशन के लिए आवेदन किया था। उसका आल इंडिया रैंक 3178 है। लेकिन कालेज के चयन को लेकर विकल्प का चुनाव करते समय उसने MBBS कालेज की बजाय नर्सिंग कालेज पर क्लिक कर दिया। जब उसे अपनी गलती का एहसास हुआ तो उसने सुधार के लिए सीईटी सेल से आग्रह किया। किंतु किसी ने उसके आवेदन पर गौर नहीं किया। जस्टिस एससी धर्माधिकारी व जस्टिस भारती डागरे की बेंच के सामने याचिका पर सुनवाई हुई।
सुनवाई के दौरान सीईटी सेल की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने बेंच के सामने अपनी दलील में कहा कि डिफेंस 3 कोटे के तहत कुल 12 सीटे आरक्षित रहती हैं। इसके लिए कुल 73 फार्म आए हैं। पहले दौर के एडमिशन में 10 बच्चों को प्रवेश दिया जा चुका है। दूसरे दौर का एडमिशन जारी है। ऐसे में यदि छात्रा को दूसरे दौर में प्रवेश की अनुमति दी जाती है तो इससे दूसरे विद्यार्थी प्रभावित होंगे। सीईटी सेल के वकील ने कहा कि हमने पहले ही विद्यार्थियों को आगाह किया था कि वे कालेज के चुनाव को लेकर काफी सतर्क रहें।
इन दलीलों व याचिका में उल्लेखित तथ्यों पर गौर करने के बाद बेंच ने कहा कि छात्र की प्रतिभा को लेकर कोई विवाद नहीं है। महज छात्र ने फार्म भरते समय कालेज के चुनाव में गलती कर दी इसके लिए उसकी मैरिट खत्म नहीं होती। यह कहते हुए बेंच ने कहा कि छात्रा को डिफेंस 3 कोटा के दूसरे दौर की प्रवेश प्रक्रिया में शामिल होने का अवसर दिया जाए।
Created On :   21 July 2018 1:11 PM IST