- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- मुंबई
- /
- हाईकोर्ट की नसीहत - बुजुर्गों की...
हाईकोर्ट की नसीहत - बुजुर्गों की तकलीफ तो समझो, घर जाकर वैक्सीनेशन के फैसले पर पुनर्विचार करे सरकार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने गुरुवार को केंद्र सरकार से कहा है कि वह अपने उस फैसले पर पुनर्विचार करें जिसके तहत कहा गया है कि घर घर जाकर बुजुर्गों को कोरोना का टीका दे पाना सम्भव नहीं है। कोर्ट ने कहा कि सरकार बुजर्गों की पीड़ा को समझे। वह इस तरह से बुजुर्गों को मरने के लिए नहीं छोड़ सकती है। बुधवार को केंद्र सरकार ने हाई कोर्ट को सूचित किया था कि घर घर जाकर बुजुर्गों को कोरोना का टीका दे पाना संभव नहीं है। हाईकोर्ट में 75 साल के ऊपर के बुजुर्गों व दिव्यांगों को घर घर जाकर कोरोना का टीका दिए जाने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है। यह याचिका पेशे से वकील धृति कपाड़िया व कुणाल तिवारी ने दायर की है।
गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता की खंडपीठ के सामने सुनवाई के लिए आयी। इस दौरान खंडपीठ ने कहा कि बीमारियों के चलते कई बुजुर्गों को घर से निकल पाना संभव नहीं है। इसलिए सरकार टीका लगाने के विषय को यह कहकर खत्म न करें कि घर-घर जाकर टीका लगाना संभव नहीं है। केंद्र सरकार इससे जुडी अपनी नीति पर पुनर्विचार करेंऔर बुजुर्गों के लिए कुछ करें। क्योंकि उन्हें यू ही मरने के लिए नहीं छोड़ा जा सकता है। इसलिए हम चाहते हैं कि विशेषज्ञ सरकार की टीके से जुडी नीति पर विचार करें ।
बुजुर्गो को प्राथमिकता देने वाली है भारतीय संस्कृति
खंडपीठ ने कहा कि भारतीय संस्कृति में बुजुर्गों को प्राथमिकता दी जाती हैं। इसलिए बुजुर्गों की देखभाल की जानी चाहिए। क्योंकि टीके के जरिए ही कोरोना पर अंकुश लगाया जा सकता है। प्रसंगवश खंडपीठ ने इजरायल का भी उदाहरण दिया। जहां की अधिकांश आबादी का टीकाकरण हो चुका है।अमेरिका में तो कार में बैठकर लोगों ने कोरोना का टीका लिया है। वे कोरोना टीकाकरण केंद्र में भी नहीं गए हैं। इसलिए हमें खुद को और आधुनिक बनाने की जरूरत है।
सुनवाई के दौरान एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि टीके के बाद लोगों पर 30 मिनिट तक निगरानी रखना जरूरी है। जो घर में संभव नहीं है। इस पर खंडपीठ ने कहा कि कुछ बीच का रास्ता निकाला जाए। इस बीच खंडपीठ ने महाराष्ट्र में कोरोना के टीके की उपलब्धता को लेकर भी सवाल किया।जवाब में राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी ने कहा कि टीके का तीन से चार दिन का स्टॉक बचा है। लेकिन जल्द ही स्टाक भरने की उम्मीद है। इस पर खंडपीठ ने कहा कि लोगों को टीके की उपलब्धता की जानकारी दी जाए। जिससे वे अनावश्यक यात्रा से बच सके। खंडपीठ ने फिलहाल याचिका पर सुनवाई 6 मई 2021 तक के लिए स्थगित कर दी है।
Created On :   22 April 2021 7:33 PM IST