तीन साल के बच्चे के साथ रेप करने वाले की सजा बरकरार

Bombay High Court upheld ten-years imprisonment to 28-year-old accused
तीन साल के बच्चे के साथ रेप करने वाले की सजा बरकरार
तीन साल के बच्चे के साथ रेप करने वाले की सजा बरकरार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने चॉकलेट देने के नाम पर घर बुलाकर तीन साल के बच्चे के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने वाले 28 वर्षीय आरोपी को सुनाई गई दस साल के कारावास की सजा को बरकरार रखा है। बाल यौन सरंक्षण कानून (पॉक्सो) से जुड़े मामलों की सुनवाई के लिए बनाई गई विशेष अदालत ने आरोपी को यह सजा सुनाई थी। निचली अदालत के फैसले के खिलाफ आरोपी ने हाईकोर्ट में अपील की थी। 

न्यायमूर्ति भारती डागरे के सामने आरोपी की अपील पर सुनवाई हुई। न्यायमूर्ति ने मामलों से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि इस तरह के मामले पीड़ित अथवा उसके परिवार के अलावा पूरे समाज को प्रभावित करते हैं। इस मामले में सिर्फ एफआईआर देरी से दर्ज कराई गई है। महज इसलिए अभियोजन पक्ष के मामले को कमजोर नहीं माना जा सकता है। 

न्यायमूर्ति ने मामले में पीड़ित बच्चे के बयान व मेडिकल रिपोर्ट पर गौर करने के बाद  कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपी पर लगे आरोपों को संदेह से परे जाकर साबित करने में सफल रहा है। इसलिए हमे निचली अदालत के फैसले में कोई कानूनी खामी नजर नहीं आती है। लिहाजा आरोपी की अपील को खारिज किया जाता है। और उसकी सजा को कायम रखा जाता है। 

सुनवाई के दौरान आरोपी की ओर से पैरवी की ओर से पैरवी कर रही अधिवक्ता अपेक्षा वोरा ने कहा कि पीड़ित लड़के के घर वालों ने घटना के दूसरे दिन पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत करने में की गई देरी को लेकर कोई सफाई नहीं दी गई है। इसके अलावा गवाहों के बयानों में काफी असमानता है। अभियोजन पक्ष आरोपी पर लगे आरोपों को साबित नहीं कर पाया है। 

वहीं सरकारी वकील ने कहा कि आरोपी के खिलाफ 28 मार्च 2013 को पुलिस में शिकायत की गई थी। पुलिस ने छानबीन के बाद आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 377 व पाक्सो कानून की धारा 6 व 10 के तहत मामला दर्ज किया था। मेडिकल जांच में भी पीड़िता के गुप्तांग में चोट के निशान मिले है। उन्होंने कहा कि मामले को लेकर पेश किए गए नौ गवाह आरोपी पर लगे आरोपों को साबित करते हैं।

निचली अदालत के आदेश में कोई खामी नहीं है। इसलिए इसमें हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं है। इस तरह से मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति ने कहा कि हमे निचली अदालत के आदेश में कोई खामी नजर नहीं आती है। इसलिए आरोपी की अपील को खारिज किया जाता है। 

 

Created On :   14 April 2021 5:28 PM IST

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