अवमानना में बीयू के रजिस्ट्रार दोषी साबित, सजा सुनने हाईकोर्ट में तलब

BU registrar convicted in contempt case by high court
अवमानना में बीयू के रजिस्ट्रार दोषी साबित, सजा सुनने हाईकोर्ट में तलब
अवमानना में बीयू के रजिस्ट्रार दोषी साबित, सजा सुनने हाईकोर्ट में तलब

डिजिटल डेस्क जबलपुर। बरकतउल्लाह विवि भोपाल के रजिस्ट्रार उदय नारायण शुक्ला को हाईकोर्ट ने एक अवमानना मामले में दोषी पाया है। जस्टिस जेके माहेश्वरी की एकलपीठ ने कहा है कि विवि में कार्यरत एक महिला उच्च श्रेणी लिपिक को पदोन्नति देने के संबंध में दिए गए आदेश का रजिस्ट्रार ने जानबूझकर पालन नहीं किया है। अदालत ने रजिस्ट्रार शुक्ला को 2 फरवरी 2018 को कोर्ट में हाजिर होने कहा है, ताकि उन्हें सजा सुनाई जा सके।
अदालत ने यह निर्देश बीयू में यूडीसी के पद पर कार्यरत शांति राव की ओर से दायर अवमानना याचिका पर दिए।

                  इस मामले में आवेदक का कहना है कि पदोन्नति पाने के संबंध में उन्होंने एक याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने 6 अक्टूबर 2016 को उनकी याचिका का निराकरण करते हुए विवि के रजिस्ट्रार को कहा था कि वे याचिकाकर्ता को पदोन्नति का लाभ देने डीपीसी बुलाकर आवश्यक कार्रवाई करें। इस पूरी कवायद के लिए अदालत ने विवि प्रशासन को 90 दिनों का वक्त दिया था। आवेदक का कहना है कि हाईकोर्ट के आदेश की प्रतिलिपि कुलपति के साथ रजिस्ट्रार को भी 21 अक्टूबर 2016 को आवेदन के साथ दी गई थी। इसके बाद वकील के माध्यम से 3 बार स्मरण पत्र भेजे गए। इसके बाद भी कोई कार्रवाई न होने पर यह याचिका 8 फरवरी 2017 को दायर की गई।
                        मामले पर हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि अवमानना मामले पर नोटिस जारी होने के बाद कई मौके दिए गए, तब जाकर रजिस्ट्रार की ओर से रिपोर्ट पेश की गई। 15 नवम्बर 2017 को हुई सुनवाई के दौरान आधी-अधूरी रिपोर्ट पेश किए जाने पर रजिस्ट्रार तलब भी किए गए थे। याचिकाकर्ता को 12 मई 1995 से सभी लाभ 90 दिनों के भीतर जनवरी 2017 तक मिलने थे, लेकिन इस आदेश का पालन 15 नवम्बर 2017 तक नहीं हुआ। 3 के बजाए 15 माह का वक्त बीत जाने को आड़े हाथों लेते हुए अदालत ने बीयू के रजिस्ट्रार को अवमानना में दोषी पाते हुए सजा के मुद्दे पर उन्हें 2 फरवरी को हाजिर होने के निर्देश दिए।

Created On :   31 Jan 2018 12:57 PM IST

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