एमयू में अब तक बजट अनुमोदन नहीं 3 महीने के खर्च का ऑडिट कराना होगा

Budget approval not yet in MU, audit of 3 months expenditure will have to be done
एमयू में अब तक बजट अनुमोदन नहीं 3 महीने के खर्च का ऑडिट कराना होगा
एमयू में अब तक बजट अनुमोदन नहीं 3 महीने के खर्च का ऑडिट कराना होगा

डिजिटल डेस्क जबलपुर। मेडिकल यूनिवर्सिटी में अनियमितताओं का क्रम जारी है। पिछले 3 माह से बिना अनुमोदित बजट के चल रही यूनिवर्सिटी ने अपने कर्मचारियों को सैलरी तक नहीं दी है। आमतौर पर वित्तीय वर्ष खत्म होते-होते, नए वित्तीय वर्ष का बजट पारित कर दिया जाता है, लेकिन 1 अप्रैल से अब तक 3 महीने से ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन अब तक ईसी से बजट अनुमोदित नहीं कराया गया। विवि के अधिनियम-2011 की धारा 26(3)(ख) में स्पष्ट प्रावधान है कि विवि की वित्त समिति द्वारा वित्तीय वर्ष के प्रारंभ होने से पूर्व वित्तीय प्राक्कलन कार्यपरिषद् के समक्ष अनुमोदन के लिए रखा जाएगा, जबकि ऐसा हुआ ही नहीं। इससे जुड़ी शिकायत चिकित्सा शिक्षा संचालक निशांत वरवड़े तक की गई थी, जिसके बाद उन्होंने कुलपति से जवाब भी माँगा था।
पिछली बैठक में नहीं बनी थी सहमति
ईसी की पिछली बैठक में बजट के प्रावधानों को लेकर सहमति नहीं बन सकी है, खासतौर पर अप्रैल, मई और जून माह में विभिन्न मदों से किए गए खर्च के ब्यौरे को लेकर ईसी सदस्यों ने अब तक हुई तीनों बैठकों में आपत्ति दर्ज कराई है।
ईसी का अनुमोदन जरूरी- चिकित्सा शिक्षा संचालक की ओर से माँगे गए जवाब को लेकर एमयू में बेचैनी है कि क्या जवाब पेश किया जाए। 1 अप्रैल से नए बजट के अनुसार खर्च करना होता है और इसका ईसी से अनुमोदन आवश्यक है। इसके बाद भी बिना अनुमोदन के ऐसी मदों में भी करोड़ों का प्रावधान कर लिया गया, जिनमें कोई काम नहीं है। इस संबंध में बात करने के लिए जब कुलपति से संपर्क किया गया तो कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। एमयू में 14 नियमित कर्मचारियों का जून माह का वेतन नहीं मिला है। इसके अलावा 100 से ज्यादा कर्मचारियों का वेतन अटका हुआ है।

Created On :   10 July 2021 5:42 PM IST

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