अर्धसैनिक बलों को पहले से ज्यादा सुरक्षा देंगे बुलेट प्रूफ व्हीकल, 7.61 एमएम का कारतूस भी होगा बेअसर

अर्धसैनिक बलों को पहले से ज्यादा सुरक्षा देंगे बुलेट प्रूफ व्हीकल, 7.61 एमएम का कारतूस भी होगा बेअसर
अर्धसैनिक बलों को पहले से ज्यादा सुरक्षा देंगे बुलेट प्रूफ व्हीकल, 7.61 एमएम का कारतूस भी होगा बेअसर

सीआरपीएफ को सौंपी गईं ऐसी 19 अत्याधुनिक गाडिय़ाँ, एमपीवी के काम में भी तेजी आई
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
अर्धसैनिक बलों को बेहद विपरीत हालातों में भी सुरक्षा के लिए एक नया कवच हासिल हुआ है। वाहन निर्माणी में तैयार वाहन 407 का अपग्रेडेड वर्जन आतंकियों की ओर से आने वाले 7.61 एमएम के कारतूसों को भी बेअसर साबित करने में सक्षम हो गया है। हाल ही में व्हीएफजे की ओर से ऐसे 19 अत्याधुनिक युद्धक वाहन सीआरपीएफ को सौंपे गए हैं।   
सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स को इस स्तर की सुरक्षा मुहैया कराने में वाहन निर्माणी को खासी मशक्कत करनी पड़ी है। दरअसल, सीआरपीएफ की तरफ से वाहनों को बुलेट प्रूफ बनाने की डिमांड रखी गई। डीआरडीओ के बाद व्हीएफजे ने तकरीबन दो साल तक इस पर वर्क किए, कई चुनौतियों का सामना किया और तब जाकर अपग्रेडेड व्हीकल को हरी झण्डी हासिल हो सकी। 
300 गाडिय़ों का टारगेट 
 इससे पहले तक अर्धसैनिक बलों को कहीं भी आने-जाने के लिए सामान्य वाहन का उपयोग करना पड़ता रहा है। ऐसे में खास तौर पर संवेदनशील क्षेत्रों में कई बार सुरक्षा बलों को नुकसान उठाना पड़ता था। लिहाजा, वाहन की बुलेट प्रूफिंग की जरूरत महसूस की गई। जानकारों का कहना है कि अकेले सीआरपीएफ को ही 300 गाडिय़ाँ मुहैया कराने का टारगेट है। सूत्रों के अनुसार महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ पुलिस की ओर से भी ऐसे वाहनों की डिमांड है।  दूसरी तरफ आम्र्ड शीट आने के बाद से माइंस प्रोटेक्टिव व्हीकल के उत्पादन में भी तेजी आई है। 
 

Created On :   15 Feb 2021 2:19 PM IST

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