रिटर्न की डेट नहीं बढ़ी तो दोहरी मुसीबत में फँस जाएँगे व्यापारी, 31 मार्च तक माँगी राहतरिटर्न की डेट नहीं बढ़ी तो दोहरी मुसीबत में फँस जाएँगे व्यापारी, 31 मार्च तक माँगी राहत

Businessmen will be trapped in double trouble if return date is not increased, till March 31
रिटर्न की डेट नहीं बढ़ी तो दोहरी मुसीबत में फँस जाएँगे व्यापारी, 31 मार्च तक माँगी राहतरिटर्न की डेट नहीं बढ़ी तो दोहरी मुसीबत में फँस जाएँगे व्यापारी, 31 मार्च तक माँगी राहत
रिटर्न की डेट नहीं बढ़ी तो दोहरी मुसीबत में फँस जाएँगे व्यापारी, 31 मार्च तक माँगी राहतरिटर्न की डेट नहीं बढ़ी तो दोहरी मुसीबत में फँस जाएँगे व्यापारी, 31 मार्च तक माँगी राहत

कोरोना संकट के बाद आयकर-जीएसटी के नियमों में उलझा व्यापार जगत
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से ठप्प पड़ीं आर्थिक गतिविधियाँ जैसे-तैसे पटरी पर लौटीं।  करीब आठ महीने बाद काम-धंधे शुरू हुए और व्यापारियों को राहत मिली थी। लेकिन इसके बाद आयकर और जीएसटी विभाग के सख्त नियमों ने व्यापारियों की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। आयकर-जीएसटी की सालाना रिटर्न के साथ वर्ष 2018-19 का ऑडिट जमा करने की  अंतिम तारीख 31 दिसम्बर है, इतने कम समय में रिटर्न फाइल कर पाने में व्यापारी खुद को असमर्थ पा रहे हैं। ऐसे में टाइम लिमिट चूक जाने के बाद अब 1 जनवरी से नए नियमों के तहत लगने वाले जुर्माने को लेकर भी व्यापारियों में चिंता दिखाई दे रही है। व्यापारियों का कहना है कि अगर रिटर्न की डेट नहीं बढ़ी तो व्यापारियों को दोहरी मुसीबत झेलना पड़ेगी। सूत्रों के अनुसार केन्द्रीय वित्त मंत्रालय राहत देने के मूड में तो है, लेकिन आधिकारिक घोषणा नहीं होने से व्यापारियों के साथ कर सलाहकार भी असमंजस की स्थिति में हैं। 
आधे से कम हुईं रिटर्न फाइलिंग  
सूत्रों के अनुसार जबलपुर आयकर विभाग में अभी तक महज 40 प्रतिशित करदाताओं ने अपनी रिटर्न फाइल की है। ऐसा माना जा रहा है कि 31 दिसम्बर तक ये आँकड़ा 50 से 55 प्रतिशत पहुँच सकता है। ज्यादातर व्यापारी कर सलाहकार की मदद से कर संबंधी काम निपटाते हैं, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से ज्यादातर कर सलाहकार काम नहीं कर रहे। इसके अलावा सर्वर डाउन, दस्तावेजों का सत्यापन और अन्य तकनीकी दिक्कतों की वजह से व्यापारी समझ नहीं पा रहे कि वे करें तो क्या करें। कम समय और प्रेशर के बीच रिटर्न फाइलिंग की हिम्मत भी जुटाते हैं तो  गलती होने की भी गुंजाइश बनी रहेगी। जिससे लास्ट डेट तक न तो रिटर्न फाइल हो पाएगी और पैनाल्टी भी प्रभावी हो जाएगी। साथ ही आयकर-जीएसटी जैसे विभागों के अनावश्यक नोटिसों का भी सामना करना पड़ेगा। यही वजह है कि तमाम दिक्कतों को देखते हुए व्यापारियों ने आयकर विभाग से रिटर्न भरने के लिए तीन महीने यानि 31 मार्च तक का समय माँगा है, ताकि नियमों के अनुसार रिटर्न भर सकें। 

Created On :   30 Dec 2020 1:54 PM IST

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