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पेट्रोल-डीजल पर सेस बढ़ाकर केंद्र सरकार ने हड़पे 30 हजार करोड़
डिजिटल डेस्क, मुंबई। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पिछले सात साल से पेट्रोल, डीजल और गैस के दाम बढ़ाकर जनता को लूट रही है। लोकसभा और विधानसभा उपचुनावों में भाजपा की करारी हार के बाद केंद्र सरकार ने 3 नवंबर को पेट्रोल पर 5 रुपए और डीजल पर 10 रुपए उत्पाद शुल्क घटा दिया है। लेकिन दूसरी तरफ सेस लगाकर लोगों को लूटा जा रहा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने यह आरोप लगाते हुए कहा कि1 मार्च 2021 से 31 अक्टूबर 2021 तक केंद्र सरकार ने राज्य सरकार से करीब 30,000 करोड़ रुपए हड़प लिए हैं।
बुधवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में पटोले ने कहा कि एक्साइज ड्यूटी कम करने से राज्यों की हिस्सेदारी घटेगी। केंद्र सरकार ईंधन पर सेस बढ़ाकर आम जनता और राज्य सरकारों का आर्थिक शोषण कर रही है। पटोले ने ईंधन पर कर कटौती के मुद्दे पर भाजपा की जम कर खिंचाई की। उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान में देश में पेट्रोल पर 27.90 रुपए और डीजल पर 21.80 रुपए का केंद्रीय उत्पाद शुल्क वसूल किया जाता है। नियमानुसार राज्य सरकार को पेट्रोल पर 11.16 रुपए और डीजल पर 8.72 रुपए की दर से भुगतान करना था। साल 2020-21 में राज्य सरकार को पेट्रोल पर 13.16 रुपए प्रति लीटर के बजाय केवल 56 पैसे और डीजल पर 12.72 रुपए के बजाय केवल 72 पैसे का भुगतान किया गया था। केंद्र सरकार ने 18 रुपए का सड़क विकास उपकर और 4 रुपए का कृषि उपकर लगाया। राज्य को उपकर में उसका हिस्सा नहीं मिलता है। नतीजतन, उत्पाद शुल्क में कमी से राज्य को मिलने वाला हिस्सा कम हो गया है।
महाराष्ट्र सरकार भी घटाए टैक्स
कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा मांग कर रही है कि जिस तरह केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर टैक्स कम किए हैं। उसी तरह राज्य सरकारों को टैक्स कम करना चाहिए। पटोले ने कहा कि पंजाब और राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर टैक्स कम कर दिया है। कांग्रेस पार्टी ने मांग की है कि महाराष्ट्र सरकार को भी टैक्स घटाकर लोगों को राहत देनी चाहिए।
Created On :   17 Nov 2021 9:36 PM IST