चंद्रपुर के मूल में कृषि महाविद्यालय को मंजूरी, अनुसूचित जाति-नवबौद्ध समूह के उद्यमियों को 15 % मार्जिन मनी

Cabinet approval for agricultural university at Chandrapur
चंद्रपुर के मूल में कृषि महाविद्यालय को मंजूरी, अनुसूचित जाति-नवबौद्ध समूह के उद्यमियों को 15 % मार्जिन मनी
चंद्रपुर के मूल में कृषि महाविद्यालय को मंजूरी, अनुसूचित जाति-नवबौद्ध समूह के उद्यमियों को 15 % मार्जिन मनी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। चंद्रपुर के मूल तहसील में सरकारी कृषि महाविद्यालय बनाने के प्रस्ताव को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। अकोला के डॉ. पंजाबराव देशमुख कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत मूल में कृषि महाविद्यालय बनाया जाएगा। कृषि महाविद्यालय में प्रति वर्ष विद्यार्थियों की प्रवेश क्षमता 60 होगी। मंगलवार को मंत्रिमंडल ने महाविद्यालय के लिए आवश्यक 110 पदों के सृजन समेत 63 करोड़ 48 लाख रुपए खर्च को मंजूरी दी। महाविद्यालय के लिए जरूरी मानवसंसाधन व अन्य सुविधाएं उपलब्ध होने के बाद विद्यार्थियों की प्रवेश प्रक्रिया शुरू की जाएगी। मूल के पास मारोडा, सोमनाथ में विश्वविद्यालय की 61.80 हेक्टेयर जमीन उपलब्धश है। जिसमें से 41.8 हेक्टेयर जमीन पर कृषि महाविद्यालय बनाया जा सकेगा।

कृषि महाविद्यालय में खेती के प्रयोग के लिए आवश्यक 30 हेक्टेयर जमीन की जरूरत को पूरा किया जा सकेगा। झुडपी जंगल कृषि संकाय के विद्यार्थियों को पर्यावरण और जैव विविधता की दृष्टि से अध्ययन के लिए उपयुक्ता साबित हो सकेगी। डॉ. पंजाबराव देशमुख कृषि विश्वविद्यालय के तहत मूल में सरकारी कृषि महाविद्यालय बनाने का प्रस्ताव विश्वविद्यालय के माध्यम से सरकार के पास भेजा गया था। इस प्रस्ताव को अब राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है। इस महाविद्यालय के बनने से कृषि शिक्षा व प्रशिक्षण के माध्यम से कृषि से जुड़े विकास को गति मिल सकेगी। इससे पहले जुलाई 2018 में नागपुर के विधानमंडल के मानसून सत्र में वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने विदर्भ, मराठवाड़ा व उत्तहर महाराष्ट्रि के लिए विशेष पैकेज की घोषणा की थी। जिसमें चंद्रपुर में कृषि महाविद्यालय बनाने का प्रस्ताव भी शामिल था। 

अनुसूचित जाति और नवबौद्ध समूह के उद्यमियों को परियोजना लगाने मिल सकेगी 15 प्रतिशत मार्जिन मनी

राज्य के अनुसूचित जाति और नवबौद्ध समूह के नए उद्यमियों को प्रोत्साहन देने के लिए नई परियोजना में अधिकतम 15 प्रतिशत मार्जिन मनी देने को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी। केंद्र सरकार के स्टैंड अप इंडिया योजना के तहत नए उद्यमियों को परियोजना लगाने के लिए 25 प्रतिशत राशि स्वयं देनी पड़ती है जबकि 75 प्रतिशत निधि बैंकों से कर्ज के रूप में उपलब्ध कराई जाती है। लेकिन कई बार खुद के हिस्से की 25 प्रतिशत राशि भरने में असमर्थ होने के कारण अनुसूचित जाति और नवबौद्ध उद्यमियों को योजना का लाभ नहीं मिल पाता है। इसलिए नए उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए अधिकतम 15 प्रतिशत मार्जिन मनी देने का फैसला किया गया है। केंद्र सरकार के स्टैंड अप इंडिया योजना के मापदंड को पूरा करने वाले आवेदनकर्ता को खुद के हिस्से की 10 प्रतिशत राशि भरने के बाद बैंकों से उन्हें 75 प्रतिशत कर्ज उपलब्ध हो सकेगा। जिसके बाद 15 प्रतिशत राशि मार्जिन मनी के रूप में संबंधित बैंक को समाजकल्याण आयुक्त के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी। 
 

Created On :   29 Jan 2019 2:31 PM GMT

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