मंत्रिमंडल का फैसला - जलयुक्त शिवार के कामों की होगी खुली जांच 

Cabinet decided to conduct an open inquiry into the works of Jalyukt Shivar
मंत्रिमंडल का फैसला - जलयुक्त शिवार के कामों की होगी खुली जांच 
मंत्रिमंडल का फैसला - जलयुक्त शिवार के कामों की होगी खुली जांच 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के महत्वाकांक्षी जलयुक्त शिवार अभियान के कामों की जांच होगी। राज्य मंत्रिमंडल ने जलयुक्त शिवार अभियान के कामों की खुली जांच कराने का फैसला किया है। बुधवार को मंत्रालय में प्रदेश के जलसंसाधन मंत्री जयंत पाटील ने कहा कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने जलयुक्त शिवार अभियान के बारे में गंभीर टिप्पणी की थी। इसलिए अभियान के तहत किए गए खराब दर्जे के कामों और हुए भ्रष्टाचार की जांच की जाएगी। पाटील ने कहा कि मंत्रिमंडल की बैठक में जलयुक्त शिवार अभियान, कैग की रिपोर्ट और अभियान के कामों के बारे में सरकार को मिली शिकायतों के बारे में चर्चा हुई। इसके बाद मंत्रिमंडल ने खुली जांच कराने का फैसला सर्वसहमति ले लिया। पाटील ने कहा कि सरकार बदले की भावना से काम नहीं कर रही है। इसलिए भाजपा को नाराज होने और घबराने की जरूरत नहीं है। 

कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि हम राज्य मंत्रिमंडल के फैसले का स्वागत करते हैं। जलयुक्त शिवार अभियान के तहत 10 हजार करोड़ रुपए बर्बाद हो गए। भाजपा से जुड़े लोगों ने हजारों करोड़ रुपए कमाए। लेकिन किसानों को कुछ नहीं मिला। 

वहीं भाजपा विधायक आशीष शेलार ने कहा कि ठाकरे सरकार ने बदले की भावना से जांच कराने का फैसला किया है। इस जांच में ठाकरे सरकार खुद मुंह के बल गिर जाएगा और सत्य बाहर आएगा। शेलार ने कहा कि पिछली सरकार में शिवसेना भी सत्ता में थी। इसलिए शिवसेना को स्पष्ट करना चाहिए कि कौन किसकी जांच करेगा। 

इससे पहले विधानमंडल के दोनों सदनों में पेश की गई कैगर की रिपोर्ट में जलयुक्त शिवार के कामों के दर्जे, खर्च, गुणवत्ता के बारे में सवाल उठाया था। कैग ने कहा था कि साल 2014-19 के बीच जलयुक्त शिवार अभियान पर 9633.75 करोड़ रुपए खर्च किए गए। लेकिन योजना को लागू करने में पारदर्शिता का अभाव पाया था। 

 

Created On :   14 Oct 2020 3:29 PM GMT

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