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नाशिक पुलिस आयुक्त के पत्र से नाराज हुए मंत्री
डिजिटल डेस्क, मुंबई। नाशिक के पुलिस आयुक्त दीपक पांडेय की ओर से राजस्व विभाग के अधिकारियों को आरडीएक्स और दंडाधिकारियों को डिटोनेटर बताने वाले पत्र को लेकर राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में मंत्रियों ने नाराजगी जताई है। सूत्रों के अनुसार उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने मंत्रिमंडल की बैठक में पांडेय के पत्र को पढ़कर सुनाया। उन्होंने पूछा कि कोई अधिकारी इस तरीके से पत्र लिख सकता है क्या? मंत्रियों की नाराजगी के बीच गुरुवार को पांडेय ने शिवसेना सांसद संजय राऊत से मुलाकात की। पांडेय ने कहा कि मैं शुक्रवार को मुंबई में आयोजित बैठक में शामिल होने के लिए आया हूं। इसलिए मैं ठाणे के पास से गुजरते हुए भांडूप में रहने वाले राऊत से मुलाकात की है। पांडेय ने कहा कि मुझे अभी तक कोई कारण बताओ नोटिस नहीं मिला है। मैंने राज्य के पुलिस महानिदेशक रजनीश सेठ को पत्र लिखा था। लेकिन पता नहीं यह पत्र कैसे लीक हो गया। यदि मेरे पत्र से कोई वरिष्ठ अधिकारी नाराज हैं तो मैं उनकी नाराजगी को दूर करने के लिए तैयार हूं। लेकिन मैं अपने पत्र पर कायम हूं। मैंने पत्र में आपत्तिजनक कुछ भी नहीं लिखा है। मैंने पत्र में भू माफिया, शहरीकरण, औद्योगिकीकरण और आधुनिकीकरण, प्रशासनिक गतिमानता और दूसरे राज्यों से सीखने संबंधी मुद्दे उठाए हैं।
पत्र में क्या
इसके पहले पांडेय ने पत्र में लिखा था कि राजस्व विभाग के अधिकारी अपने अधिकारों के चलते आरडीएक्स और दंडाधिकारी डिटोनेटर की तरह बन गए हैं। इस सांठगांठ से एक जिंदा बम तैयार होता है और वह भूमाफिया की मर्जी से चलता है। पांडे ने राजस्व विभाग के अधिकारियों के कार्यकारी दंडाधिकारी पद के अधिकार वापस लेने की मांग की थी। इसके बदले इस पद की जिम्मेदारी पुलिस विभाग को देने की मांग की थी। पांडेय के पत्र पर प्रदेश के राजस्व मंत्री बालासाहब थोरात और गृह मंत्री दिलीप वलसे-पाटील पहले ही नाराजगी जता चुके हैं।
Created On :   7 April 2022 9:24 PM IST