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न्यासा समेत पांच कंपनियों को दिया गया ठेका रद्द कर

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश सरकार ने सरकारी पदों की भर्ती के लिए मौजूदा ओएमआर पद्धति से परीक्षा के लिए नियुक्त न्यासा कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड समेत पांच कंपनियों को दिया गया ठेका रद्द कर दिया है। मंगलवार को राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग (सूचना प्रौद्योगिकी) ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया है। प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग, स्कूली शिक्षा विभाग और म्हाडा की परीक्षा भर्ती में पर्चा लीक और घोटाले के आरोपों के बाद सरकार ने यह कदम उठाया है। सरकार के नए शासनादेश के अनुसार राज्य में पद भर्ती के लिए टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (आईबीपीएस) और महाराष्ट्र नॉलेज कारपोरेशन लिमिटेड (एमकेसीएल) के माध्यम से परीक्षा आयोजित की जाएगी। अब भर्ती के संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से आदेश जारी किया जाएगा। सरकार की ओर समय- समय पर जारी निर्देशों को लागू करने और निगरानी करने की जिम्मेदारी सभी संबंधित मंत्रालयीन प्रशासनिक विभाग की होगी।
टेंडर से चयनित हुई थी कंपनियां
इसके पहले महाविकास आघाड़ी सरकार ने महाराष्ट्र लोकसेवा आयोग के दायरे में न आने वाले समूह बी और समूह डी के पदों की भर्ती के लिए महापरीक्षा पोर्टल पद्धति को बदलकर ओएमआर वेंडर पैनल को नियुक्त किया था। महाआईटी द्वारा जारी टेंडर में चार कंपनियों का चयन किया गया था। इसके तहत भर्ती के लिए ओएमआर पद्धति से परीक्षा के लिए मेसर्स एप्टेक लिमिटेड, मेसर्स जीए सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स जींजर वेब्ज प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स मेटा-आईटी टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड को पांच सालों के लिए ठेका दिया गया था। 21 जनवरी 2021 के शानसादेश के जरिए इन चारों कंपनियों को परीक्षा आयोजित करने के लिए प्रति अभ्यर्थी 210 रुपए फीस निश्चित की गई थी। इसके बाद सरकार ने 4 मार्च 2021 को एक नया शासनादेश जारी कर परीक्षा आयोजित करने वाली कंपनियों की सूची में ‘न्यासा कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड’ को शामिल किया था। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की समूह सी और डी की भर्ती परीक्षा आयोजित करने का ठेका न्यासा कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया। लेकिन न्यासा कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड की तैयारी पूरी नहीं होने के चलते स्वास्थ्य विभाग को भर्ती परीक्षा पहले टालना पड़ा। इसके बाद अक्टूबर 2021 में हुई भर्ती परीक्षा के दौरान अभ्यर्थियों ने पर्चा लीक होने का गंभीर आरोप लगाया था। स्वास्थ्य विभाग की भर्ती परीक्षा पारदर्शी रूप से न होने पर सरकार की काफी आलोचना हुई थी। जिसके बाद बीते 15 दिसंबर को राज्य मंत्रिमंडल ने ओएमआर पद्धति से परीक्षा आयोजन करने के नियुक्त सभी कंपनियों के पैनल को स्थगित करने का निर्णय लिया था।
Created On :   19 Jan 2022 4:49 PM IST