कार का टायर फटना तोई ईश्वरीय कृत्य नहीं- बीमा कंपनी को मुआवजा देने का आदेश

Car tire burst is not an act of God – Order to give compensation to the insurance company
कार का टायर फटना तोई ईश्वरीय कृत्य नहीं- बीमा कंपनी को मुआवजा देने का आदेश
हाईकोर्ट कार का टायर फटना तोई ईश्वरीय कृत्य नहीं- बीमा कंपनी को मुआवजा देने का आदेश

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कार का टायर फटने कोईश्वरीय कृत्य नहीं कहा जा सकता है, यह मानवीय लापरवाही का मामला है। बांबे हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में यह बात स्पष्ट की है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने कार का टायर फटने के चलते जान गंवानेवाले व्यक्ति के घरवालो को साढे सात प्रतिशत के साथ कुल 12 लाख 40 हजार 96 रुपए के मुआवजे के लिए हकदार माना है। हाईकोर्ट ने कहा कि है बीमा कंपनी इस मामले में मुआवजे देने के अपने दायित्व से केवल यह कह कर  मुंह नहीं मोड सकती है कि टायर फटना ईश्वरीय कृत्य है। इससे पहले मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल ने मुआवजे के संबंध में आदेश जारी किया था। जिसके खिलाफ दी न्यू इडिंया एश्योरेन्स कंपनी लिमिटेड ने हाईकोर्ट में अपील स्वरुप याचिका दायर की थी। याचिका में मुख्य रुप से दावा किया गया था कि ट्रिब्यूनल ने इस मामले में मुआवजे का निर्धारण करते समयमृतक की आय के पहलू पर जरुरत से ज्यादा विचार किया है।वेतन के रुप में मृतक को कई भत्ते दिए जाते थे जिसे वेतन का हिस्सा नहीं माना जा सकता है। ट्रिब्यूनल ने विभिन्न मदों में अधिक राशि निर्धारित की है और इस मामले में अत्याधिक मुआवजे का आदेश दिया है। जो की उचित नहीं है। इसलिए बीमा कंपनी की अपील स्वरुप याचिका को स्वीकार किया जाए।  

कंपनी के मुताबिक इस मामले में ड्राइवर की कोई लापरवाही नहीं है। क्योंकि इस मामले में हादसा कार का टायरफटने के चलते हुआ है। इस प्रकरण में ड्राइवर की कोई गलती नहीं है। यह पूरी तरह से एक ईश्वरीय कृत्य है। लेकिन ट्रिब्यूनल ने आदेश देते समय इस पहलू पर विचार नहीं किया है। वहीं मामले से जुड़े मृतक के परिजनों की ओर से पैरवी करनेवाले वकील ने ट्रिब्यूनल के आदेश को वैध माना और दावा किया कि ट्रिब्यूनल ने सभी पहलूओं पर विचार करने के बाद मुआवजे को लेकर आदेश जारी किया है। जो की पूरी तरह से वैध है। न्यायमूर्ति एसजी दिगे के सामने बीमा कंपनी की ओर से दायर की गई अपील पर सुनवाई हुई। मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद न्यायमूर्ति ने कहा कि शब्दकोष में ईश्वरीय कृत्य का जो अर्थ दिया गया है उसके मुताबिक ईश्वरीय कृत्य एक ऐसी गंभीर,अप्रत्याशित प्राकृतिक घटना को संदर्भित करता है जिसके लिए कोई भी मानव जिम्मेदार नहीं है। इस लिहाज से मेरी राय में टायर का फटना कोई ईश्वरीय कृत्य नहीं है, यह मानवीय लापरवाही है। टायर फटने के कई कारण हो सकते हैं। जिसमें वाहन की तेज गति,टायर में ज्यादा अथवा कम हवा,टायर का पुराना होनाव तापमान जैसे कारणों का समावेश हो सकता है। इसलिए वाहन से यात्रा करने से पहले ड्राइवर व वाहन मालिक को टायर की स्थिति की जांच कर लेनी चाहिए। ऐसे में टायर फटने को कोई अपने आप होनेवाली प्राकृतिक घटना नहीं कह सकते है यह पूरी तरह से मानवीय लापरवाही है। 

इस दौरान न्यायमूर्ति ने इस मामले में मृतक के परिजनों को पूरी तरह से मुआवजे के लिए हकदार माना। 
 

Created On :   8 March 2023 8:34 PM IST

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