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पुलिस हिरासत में मौत का मामला : तीन पुलिसकर्मियों को हाईकोर्ट ने दी जमानत
डिजिटल डेस्क, मुंबई। पुलिस हिरासत में मौत के मामले में दोषी पाए गए तीन पुलिसकर्मियों को बांबे हाईकोर्ट ने जमानत प्रदान की है। तीन पर चोरी के आरोप में पकड़े गए एक 20 साल के युवक को पुलिस हिरासत में प्रताड़ित करने का अारोप है। पुलिस की प्रताड़ना के चलते युवक की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। निचली अदालत ने तीनों पुलिसकर्मियों को दोषी ठहराते हुए इस मामले में उन्हें सात साल के कारावास की सजा सुनाई है।
तीनों ने निचली अदालत के इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की है और मांग की है कि जब तक उनकी अपील पर निर्णय नहीं हो जाता है तब तक उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए। न्यायमूर्ति भूषण गवई व न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल की खंडपीठ के सामने इनकी अपील पर सुनवाई हुई। खंडपीठ ने पुलिसकर्मी उमेश गोसावी,संदीप सालुंखे व किरण पिंगले के आवेदन पर गौर करने बाद कहा कि जब तक इनकी अपील पर निर्णय नहीं हो जाता है तब तक के लिए इन्हें जमानत प्रदान की जाती है।
जनवरी 2016 में सत्र न्यायालय ने इस मामले में चार पुलिसकर्मियों को दोषी ठहारया था। चारों को अनिकेत खिच्ची नामक युवक की हिरासत में हुई मौत के लिए दोषी ठहराया गया था। लेकिन तीन पुलिसकर्मियों ने ही सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की है। खिच्ची को साल 2013 में लैपटाप चोरी के मामले में वनराई पुलिसस्टेशन से जुड़े इन्हीं पुलिसकर्मियों ने गिरफ्तार किया था।
गिरफ्तारी के दूसरे दिन खिच्ची की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। इसके बाद उसके घरवालों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। फिर निचली अदालत में इस मामले की सुनवाई हुई। जहां तीनों पुलिसकर्मियों को सदोष मानववध के आरोप में दोषी पाया गया था और सात साल के कारावास की सजा सुनाई गई थी।
Created On :   25 Jun 2018 1:18 PM GMT