किसान के जाली हस्ताक्षर से निकाले 1 लाख 95 हजार रुपए, FIR लिखने को तैयार नहीं पुलिस

Case of withdraw of money from the account of farmer by fake sign
किसान के जाली हस्ताक्षर से निकाले 1 लाख 95 हजार रुपए, FIR लिखने को तैयार नहीं पुलिस
किसान के जाली हस्ताक्षर से निकाले 1 लाख 95 हजार रुपए, FIR लिखने को तैयार नहीं पुलिस

डिजिटल डेस्क, सतना। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की मैहर ब्रांच में जाली दस्तखत बना कर रिगरा  के एक किसान ब्रजनंदन तिवारी के खाते से 1 लाख 95 हजार रुपए की राशि निकाल लेने का संगीन मामला सामने आया है। ब्रांच मैनेजर राजेश तिवारी ने लिखित तौर पर इस तथ्य को स्वीकार किया है कि यह आर्थिक धोखाधड़ी सहकारी सेवा समिति नादन के प्रबंधक कमलेश तिवारी ने की। 

उधर, किसान की शिकायत के बाद भी मैहर पुलिस आरोपी समिति प्रबंधक के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने को तैयार नहीं है। पीड़ित किसान ने बुधवार को यहां मामले की शिकायत पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह गौर से की है। उधर, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक (डीसीसीबी) के  महाप्रबंधक एलएल रैकवार ने कहा कि वे मामले की जांच कराएंगे और दोषियों के खिलाफ सीधे एफआईआर कराते हुए प्रभावित किसान का भुगतान भी सुनिश्चित कराया जाएगा।

खाते में बचाए सिर्फ 1247 रुपए
नादन देहात थाना क्षेत्र के रिगरा निवासी किसान  ब्रजनंदन तिवारी पिता स्व.धर्मराज ने नादन स्थित खरीदी केंद्र में मई माह में गेहूं बेचा था। इसी एवज में उनके जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की मैहर ब्रांच के खाते में राशि जमा कराई गई थी। 10 जुलाई को दोपहर 2 बजे वास्तविक खातेदार किसान ब्रजनंदन तिवारी ने जब विथड्रॉ के जरिए राशि निकालने की प्रक्रिया की तो कैशियर ने उन्हें बताया कि उनके खाते में महज 1247 रुपए ही बैलेंस हैं। किसान ने ब्रांच मैनेजर राजेश तिवारी से संपर्क किया तो पता चला कि ब्रजनंदन के खाते में जमा राशि में से 1 लाख 95  हजार रुपए की राशि विथड्रॉ के ही माध्यम से 30 जून को ही निकाली जा चुकी है। 

कूट रचना के जरिए भारी आर्थिक धोखाधड़ी पर जब किसान ने बैंक में ही शोर करना शुरु किया तो मैनेजर ने विथड्रॉ को चेक कराया। पूछताछ में यह तथ्य सामने आया कि सहकारी सेवा समिति नादन के प्रबंधक कमलेश तिवारी ने कृषक ब्रजनंदन के फर्जी दस्तखत बनाए थे। डीलिंग क्लर्क दयाराम कोल ने हस्ताक्षर सत्यापित किए और इस तरह से कैशियर अवधेश सोनी ने 1 लाख 95 हजार रुपए की राशि का भुगतान कर दिया।

किसान ने मामले की शिकायत मैहर थाने में की लेकिन आरोपी के विरुद्ध एफआईआर नहीं दर्ज की गई। इतना ही नहीं आरोप प्रमाणित पाए जाने पर बैंक मैनेजर ने भी आरोपी सेल्स मैन के खिलाफ प्रकरण पुलिस को सौंपने से इंकार कर दिया।  

मैनेजर-कैशियर और क्लर्क की भी भूमिका संदिग्ध
विथड्रॉ में जाली दस्तखत की दम पर किसान के खाते से 1 लाख 95 हजार रुपए की राशि निकाल लेने के इस मामले में कई ऐसे तथ्य हैं, जो  जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की मैहर ब्रांच के मैनेजर, कैशियर और डीलिंग क्लर्क की भूमिका को भी पूरी तरह से संदिग्ध बना देते हैं। नियमों के मुताबिक किसी भी बैंक का विड्रावल  वास्तव में बचत बैंक निकासी का आदेश फार्म होता है, चेक नहीं। इस फार्म (विथड्रॉल) के साथ पास बुक दिखाना अनिवार्य होता है। अन्यथा भुगतान संभव नहीं होता है, लेकिन नादन के समिति प्रबंधक कमलेश तिवारी के पास पासबुक नहीं होने के बाद भी भुगतान कर दिया गया। इतना ही नहीं वास्तवकि खातेदार के बैंक में अंग्रेजी में हस्ताक्षर सुरक्षित हैं। 

हस्ताक्षर के सत्यापन में समिति प्रबंधक द्वारा किसान ब्रजनंदन के हिंदी में हस्ताक्षर होने के बाद भी भुगतान कर दिया गया। यानि खातेदार के हस्ताक्षर मिलान नहीं होने के बाद भी पेमेंट किया गया। विथड्रॉ का भुगतान खातेदार को ही किया जाता है, इस तथ्य से वाकिफ होने के बाद भी भुगतान किया गया। नियमों के तहत 50 हजार या इससे ज्यादा राशि की जमा और निकासी पर खातेदार का पेनकार्ड और पासबुक की बाध्यता की भी अनदेखी की गई।

इनका कहना है
यह गंभीर मामला है। मामले की गंभीरता के साथ जांच कराई जाएगी। दोषी बैंक कर्मियों के खिलाफ एफआईआर कराई जाएगी। ये सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रभावित किसान का आर्थिक अहित नहीं होने पाए।
केएल अहिरवार, जीएम डीसीसीबी सतना

Created On :   12 July 2018 8:45 AM GMT

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