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सीबीआई कोर्ट ने दी केंट बोर्ड के सेनेटरी इंस्पेक्टर व सुपरवाईजर को 4-4 साल की सजा
डिजिटल डेस्क जबलपुर । केंटोमेंट बोर्ड के पूर्व सेनेटरी इंस्पेक्टर एके प्यासी व सफाई सुपरवाईजर गोपाल खरे को रिश्वत लेने के आरोप में दोषी पाते हुए सीबीआई कोर्ट ने उन्हें 4-4 साल की सजा सुनाई है। अपने फैसले में विशेष न्यायाधीश एसके चौबे ने कहा है कि देश का पूरा सिस्टम भ्रष्टाचार की बीमारी से नष्ट हो रहा है, जिस पर किसी भी प्रकार की नरमी नहीं बरती जा सकती।
तीन-तीन हजार रुपये का जुर्माना भी
अदालत ने दोनों आरोपियों पर तीन-तीन हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। अदालत ने जुर्माने की रकम में से 3 हजार रूपए अपील अवधि के बाद मुआवजे के रूप में शिकायतकर्ता को देने के भी निर्देश दिए हैं। अभियोजन के अनुसार केंट बोर्ड जबलपुर में अगस्त 2013 से सितंबर 2013 तक 57 वर्षीय आरोपी अशोक कुमार प्यासी सेनेटरी इंस्पेक्टर के पद पर पदस्थ था। उसी कार्यालय में सफाई सुपरवाईजर गोपाल खरे भी पदस्थ था। सदर निवासी अखिल चौकसे के तीन मंजिला मकान में रिपेयरिंग कार्य होने पर सह आरोपी गोपाल खरे ने जाकर सेनेटरी इंस्पेक्टर एके प्यासी के नाम पर रिश्वत की मांग करते हुए कानूनी कार्रवाई की धमकी दी। इसकी शिकायत 12 सितंबर 2013 को अखिल चौकसे ने सीबीआई एसपी से की थी। 16 सितंबर 2013 को सीबीआई टीम ने सह अभियुक्त गोपाल खरे को दो हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था, आरोपी उससे पूर्व शिकायतकर्ता से एक हजार रुपये की रिश्वत ले चुका था। सुनवाई के बाद अदालत ने दोनों आरोपियों को दोषी पाते हुए सजा सुनाई। सीबीआई की ओर से विशेष लोक अभियोजक विवेक सिन्हा ने पैरवी की।
सजा की तामीली जेल में कराओ -
मामले के आरोपी गोपाल खरे को दी गई सजा का वारंट जेल भेजने के आदेश विशेष अदालत ने दिये है। जेल अधीक्षक को कोर्ट ने निर्देशित किया है कि वह उक्त वारंट के साथ आरोपी को अपनी हिरासत मे लेकर उक्त सजा की तामीली विधिवत कराई जाए।
Created On :   4 Oct 2019 2:18 PM IST