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निजी स्कूलों की फीस मामले में जवाब पेश करने सीबीएसई को आखिरी मोहलत
अगली सुनवाई 24 अगस्त को तय करके हाईकोर्ट ने कहा- अंतरिम राहत बढ़ाए जाने पर ही रहेगी बरकरार
डिजिटल डेस्क जबलपुर । प्रदेश के निजी स्कूलों द्वारा कोरोना संकट के दौरान फीस वसूलने और ऑनलाईन क्लासों का संचालन को चुनौती देने वाले 8 मामलों पर हाईकोर्ट ने जवाब पेश करने सीबीएसई को आखिरी मोहलत दी है। सोमवार को सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने स्पष्ट किया है कि पूर्व में याचिकाकर्ताओं के पक्ष में दी गई अंतरिम राहत तभी तक बरकरार रहेगी, जब तक कि वह बढ़ाई जाएगी। अंतरिम राहत न बढ़ाए जाने पर वह स्वत: समाप्त मानी जाएगी। इस मत के साथ युगलपीठ ने अगली सुनवाई 24 अगस्त को निर्धारित की है।
गौरतलब है कि इन 8 मामलों पर हाईकोर्ट द्वारा जारी नोटिस के जवाब में राज्य सरकार का कहना है कि सीबीएसई द्वारा जारी किए गए पत्र के आधार पर निजी स्कूलों को कोरोना संकट के दौरान सिर्फ ट्यूशन फीस वसूलने के आदेश 24 अप्रैल और 16 मई को जारी किए गए थे और आपदा प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों के तहत सरकार को ऐसा करने का अधिकार भी है।
किसके पक्ष में क्या है अंतरिम राहत
00- बीते 28 जुलाई को नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की ओर से दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने अभिभावकों के पक्ष में अंतरिम आदेश सुनाते हुए प्रदेश के निजी स्कूलों को कहा था कि फीस जमा न होने पर किसी भी छात्र का नाम अगली सुनवाई तक न काटा जाए।
00- इससे पहले सीबीएसई स्कूलों के संगठन की याचिका पर इन्दौर खण्डपीठ ने 15 जून को ट्यूशन फीस वसूलने संबंधी राज्य सरकार के 24 अप्रैल और 16 मई के आदेशों पर रोक लगा दी थी। बैंच ने कहा था कि लॉकडाउन के दौरान स्कूल परिवहन व मेस जैसे खर्च नहीं वसूल सकेंगे।
Created On :   10 Aug 2020 7:41 PM IST