पुलिस ने नहीं पेश की सीसीटीवी फुटेज की सत्यापन रिपोर्ट, आवेदक को मिली अग्रिम जमानत

CCTV footage verification report not submitted by police, bail to applicant
पुलिस ने नहीं पेश की सीसीटीवी फुटेज की सत्यापन रिपोर्ट, आवेदक को मिली अग्रिम जमानत
पुलिस ने नहीं पेश की सीसीटीवी फुटेज की सत्यापन रिपोर्ट, आवेदक को मिली अग्रिम जमानत

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। हाईकोर्ट ने रायसेन पुलिस द्वारा सीसीटीवी फुटेज की सत्यापन रिपोर्ट पेश नहीं करने पर करने पर नाराजगी जताई है। जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की एकल पीठ ने आवेदक को अग्रिम जमानत देते हुए पुलिस को 24 जून तक सीसीटीवी फुटेज की सत्यापन रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। 

मामले में झूठा फंसाया
रायसेन जिले की बरेली में रहने वाले 66 वर्षीय शेख हुसैन की ओर दायर अग्रिम जमानत याचिका में कहा गया है कि पुलिस ने उसके खिलाफ 326, 324, 323, 294, 506 और 34 के तहत प्रकरण दर्ज किया है। आवेदक की ओर से घटना की सीसीटीवी फुटेज पेश कर कहा कि वह घटना में शामिल नहीं था। पुलिस ने उसे मामले में झूठा फंसाया है। 14 मई को हाईकोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया कि सीसीटीवी फुटेज को सत्यापित कर रिपोर्ट पेश की जाए।

अधिवक्ता मनोज चतुर्वेदी और विजय राघव सिंह की ओर से तर्क दिया गया कि विरोधी पक्ष के दबाव के कारण पुलिस सीसीटीवी फुटेज की सत्यापन रिपोर्ट पेश नहीं कर रही है। सुनवाई के बाद एकल पीठ ने आवेदक को अग्रिम जमानत देते हुए पुलिस को 24 जून को सीसीटीवी फुटेज की सत्यापन रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है।

पीडब्ल्यूडी के उपयंत्री से 1.84 लाख की वसूली पर रोक
हाईकोर्ट ने पीडब्ल्यूडी के उपयंत्री से की जा रही 1 लाख 84 हजार 284 रुपए की वसूली पर रोक लगा दी है। जस्टिस अतुल श्रीधरन की एकल पीठ ने राज्य सरकार, वित्त सचिव, मुख्य अभियंता और संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब-तलब किया है। जबलपुर निवासी और पीडब्ल्यूडी में उपयंत्री जेके पटेल की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि उसे नियमानुसार 29 अप्रैल 2011 से द्वितीय समयमान वेतनमान दिया गया था। इसके साथ ही एक जुलाई 2011 से वार्षिक वेतन वृद्द्धि प्रदान की गई थी। राज्य सरकार के नियमों के अनुसार किसी भी कर्मचारी को एक साल में दो बार वेतन वृद्द्धि नहीं दी जा सकती है। इसके आधार पर उसके खिलाफ 1 लाख 84 हजार 284 रुपए की वसूली का आदेश जारी कर दिया गया। अधिवक्ता

अनिरुद्ध पांडे ने तर्क दिया कि द्वितीय समयमान वेतनमान दिए जाने के नियम राज्य सरकार ने ही बनाए है। राज्य सरकार की ओर से ही त्रुटि निकालकर वसूली का आदेश जारी किया जा रहा है। प्रांरभिक सुनवाई के बाद एकल पीठ ने उपयंत्री से की जा रही वसूली पर रोक लगाते हुए अनावेदकों से जवाब-तलब किया है।
 

Created On :   5 Jun 2019 8:37 AM GMT

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