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सीडी बेचने वाले मेहता कैसे बने करोड़ों की संपत्ति के मालिक
डिजिटल डेस्क, मुंबई, विजय सिंह ‘कौशिक’। राजनीति कभी समाजसेवा का माध्यम हुआ करता था पर आज यह क्षेत्र कम समय में धनाढ्य बनने का जरिया बन चुका है। कभी मुंबई के पास भायंदर इलाके में सीडी बेचने वाला शख्स राजनीति में आने के बाद अरबों रूपयों की संपत्ति का मालिक बन चुका है। मुंबई से सटे मीरा भायंदर के पूर्व भाजपा विधायक नरेंद्र मेहता फिलहाल आय से अधिक संपत्ति मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद से भूमिगत हो चुके हैं। भाजपा के विधायक रहे नरेंद्र मेहता और उनकी पत्नी सुमन मेहता के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज कराया है। नवघर पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर में एसीबी ने आरोप लगाया है कि मेहता ने 1 जनवरी 2006 से 31 अगस्त 2015 के बीच सरकारी पद पर रहते हुए जो संपत्ति अर्जित की वह उनकी आय के ज्ञात स्त्रोतों से 8 करोड़, 25 लाख 51 हजार 773 रुपए ज्यादा है।
इस दौरान मेहता मीरा भायंदर महानगर पालिका में नगरसेवक और महापौर थे। साथ ही वे 2014 में विधायक भी चुने गए थे। एसीबी का दावा है कि गलत तरीके से हासिल की गई संपत्ति छिपाने में उनकी पत्नी सुमन मेहता ने भी उनकी मदद की इसलिए पति पत्नी दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनिय के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। लोकायुक्त को मिली शिकायत के बाद एसीबी को साल 2016 में इसकी जांच करने को कहा था। अब एसीबी ने चांज पूरी कर मामले में एफआईआर दर्ज कराई है।
सूत्रों के अनुसार एसीबी ने एफआईआर में मेहता की जितनी संपत्ति का उल्लेख किया है वह उनकी वास्तविक प्रापर्टी की अपेक्षा बहुत कम है। राज्य में सत्ताधारी दल का विधायक बनने के बाद मेहता ने तेजी से विकसित होते शहर मीरा रोड में कुछ ही सालो में कई करोड़ की संपत्ति अर्जित की। भाजपा सरकार के दौरान मीरा रोड में मेहता का ‘आतंक’ था। रोजी-रोटी की तलाश में राजस्थान के पाली जिले से भायंदर आये नरेंद्र मेहता ने जीवन में अनेकों उतार चढ़ाव देखे है। दो भाईयों में बड़े नरेंद्र मेहता ने शुरुआती दौर में पटाखे व मसाला बेचने, रिक्शा चलाने सहित पाईरेटेड सी. डी. बेचने का भी काम किया।
1996 में पहली बाक नगर परिषद का चुनाव लड़ा पर हार गए। पर 2002 में मेहता भाजपा के दिलीप पंडित को मामूली अंतर से हराकर पहली बार नगरसेवक बने। कांग्रेस में शामिल होकर नरेंद्र मेहता प्रभाग समिति सभापति बन गए। नगरसेवक बनने के कुछ समय बाद मेहता अवैध निर्माण के मामले में 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए। 2007 में पुनः निर्दलीय नगरसेवक बन नरेंद्र मेहता राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता गिल्बर्ट मेंडोसा की मदद से महापौर बने और बाद में मेंडोसा के सामने ही 2009 में विधानसभा चुनाव लड़ा। हालांकि मेहता को यह चुनाव हारना पड़ा। लेकिन 2014 विधानसभा चुनाव में वह विधानसभा पहुंचने में कामयाब रहे। वर्ष 2020 में मेहता के खिलाफ एक महिला ने यौन उत्पीड़न का भी मामला दर्ज कराया था।
एसीबी के महानिदेशक से शिकायत, मेहता ने बनाई 2 हजार करोड़ की संपत्ति
मीरा-भायंदर मनपा के स्वास्थ्य समिति के सदस्य कृष्णा गुप्ता द्वारा एसीबी के महानिदेशक के पास बीते 5 मई को की गई शिकायत के मुताबिक मेहता ने करीब 2 हजार करोड़ की संपत्ति बनाई है। शिकायत के अनुसार मेहता के 6 कंपनियां खड़ी की है। जिसकी जांच की मांग की गई है। मीरा रोड में बनाया गया मेहता का क्लब ‘सेवन इलेवन’ भी विवादों में रहा है। गुप्ता कहते हैं 2002 में मनपा चुनाव के वक्त मेहता ने अपने परिवार की जो संपत्ति बताई थी, उसमें और उनकी मौजूदा प्रापर्टी में जमीन आसमान का फर्क है। वे सवाल करते हैं कि आखिर इतना पैसा उनके पास आया कहां सेॽ
Created On :   21 May 2022 6:55 PM IST