फिल्म ‘चिडियाखाना’ को नए सिरे से देखे सेंसर बोर्ड - हाईकोर्ट

Censor board revisits chidiyakhana movie high court
फिल्म ‘चिडियाखाना’ को नए सिरे से देखे सेंसर बोर्ड - हाईकोर्ट
फिल्म ‘चिडियाखाना’ को नए सिरे से देखे सेंसर बोर्ड - हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क,मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सेंसर बोर्ड) को बाल फिल्म ‘चिड़ियाखाना’ को सर्टिफिकेट के लिए नए सिरे देखने का निर्देश दिया है और चार सप्ताह के भीतर फिल्म को सार्टीफिकेट जारी करने को कहा है। न्यायमूर्ति एससी धर्माधिकारी व न्यायमूर्ति गौतम पटेल की खंडपीठ ने चिल्ड्रन फिल्म सोसायटी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद यह निर्देश दिया । इस दौरान खंडपीठ ने कहा कि फिल्म को देखते समय सेंसर बोर्ड फिल्म को लेकर अपने मन में किसी प्रकार का पूर्वाग्रह न रखे। जबकि फिल्म सोसायटी अपनी मांग को लेकर सेंसर बोर्ड के सामने दोबारा फिल्म को पेश करे। 

सेंसर बोर्ड ने पहले चिड़ियाखाना फिल्म को यूए सर्टिफिकेट जारी किया था। जिसके खिलाफ चिल्ड्रन फिल्म सोसायटी ने अधिवक्ता यशोदीप देशमुख के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में दावा किया गया था कि फिल्म सोसायटी ने सेंसर बोर्ड से फिल्म चिडियाखाना को ‘यू सर्टिफिकेट देने का आग्रह किया था लेकिन सेंसर बोर्ड ने फिल्म को ‘यूए सर्टिफिकेट’ प्रदान किया है। जिससे फिल्म को हर जगह व बच्चों के महोत्सव में प्रदर्शित नहीं किया जा सकता है। अधिवक्ता यशोदीप देशमुख ने फिल्म सोसायटी की ओर से पैरवी करते हुए खंडपीठ के सामने दावा किया कि बाल फिल्म को सेंसर किए जाने को लेकर सेंसर बोर्ड के पास कोई दिशा-निर्देश मौजूद नहीं है। उन्होंने कहा कि हम सेंसर बोर्ड की ओर से दो दृश्य के संबंध में जताई गई आपत्तियों पर विचार करने के लिए भी राजी है। फिर भी फिल्म को यू सर्टिफिकेट नहीं दिया जा रहा है। इन दलीलों को सुनने के बाद खंडपीठ ने सेंसर बोर्ड को नए सिरे से फिल्म को देखकर चार सप्ताह के भीतर प्रमाणपत्र जारी करने को कहा।

Created On :   17 Sep 2019 2:00 PM GMT

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