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केंद्र सरकार के पास सांसद निधि निलंबित करने का अधिकार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि केंद्र सरकार के पास सांसद निधि को निलंबित करने का अधिकार है और उसने अपने अधिकार क्षेत्र के भीतर रहकर सांसद निधि को निलंबित किया है। हाईकोर्ट ने यह बात एक जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद कही। अदालत ने कहा कि देश के सामने बेहद गंभीर स्थिति है। इसलिए कोरोना संकट को दूर करने के लिए हर संभव कदम उठाना जरुरी है। हर सांसद इससे निपटने के लिए प्रयासरत है। जब पूरा देश इस महामारी को खत्म करने के लिए संघर्षरत है तो भला सांसद निधि को निलंबित करने पर कोई कैसे आपत्ति उठा सकता है।
कोर्ट ने कहा कि सांसद निधि का उपयोग कोराना को रोकने के लिए किया जा रहा है, इसका इस्तेमाल पुल अथवा गैरजरुरी काम के लिए नहीं हो रहा है।कोरोना संकट के चलते सरकार ने कोरना महामारी से निपटने के लिए सांसद निधि योजना को निलंबित कर दिया है। इसके खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता नीलिमा वर्तक ने अधिवक्ता शेखर जगताप के मार्फत हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता की खंडपीठ ने कहा कि केंद्र सरकार ने अपने अधिकार क्षेत्र के भीतर रहकर सांसद निधि को निलंबित करने का निर्णय किया है। याचिका में अप्रैल 2020 में सांसद निधि को दो साल के लिए निलंबित किए जाने के निर्णय का विरोध किया गया है।
खंडपीठ ने कहा कि यदि कोर्ई सांसद महसूस करता है कि वह अपने क्षेत्र में सांसद निधि के अभाव में कार्य नहीं कर पा रहा है तो वह स्वयं कोर्ट में आ सकता है। लेकिन वे नहीं आए हैं। इसलिए हमे याचिकाकर्ता की पृष्ठभूमि संदिग्ध लग रही है। खंडपीठ ने कहा कि यह याचिका दायर करने से पहले याचिकाकर्ता को रिसर्च करनी चाहिए थी। और आकड़े जुटाकर यह दर्शाना चाहिए था कि सांसद निधि का निलंबित होना कैसे जनता पर विपरीत असर डाल सकता है। खंडपीठ ने अब मामले की सुनवाई बुधवार को रखी है।
Created On :   24 Nov 2020 8:44 PM IST