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पूर्व मंत्री के नर्मदा किनारे प्रतिबंधित क्षेत्र में बिल्डिंग निर्माण को चुनौती
डिजिटल डेस्क जबलपुर । मप्र हाईकोर्ट में राज्य सरकार के पूर्व मंत्री एवं भाजपा के राष्ट्रीय सचिव ओमप्रकाश धुर्वे द्वारा डिंडौरी में नर्मदा नदी के तट से 300 मीटर के प्रतिबंधित क्षेत्र में बिल्डिंग निर्माण किए जाने को चुनौती दी गई है। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस सुजय पॉल की डिवीजन बैंच ने इस याचिका की सुनवाई नर्मदा नदी को लेकर विचाराधीन नर्मदा मिशन की मूल याचिका के साथ करने का निर्देश दिया है। इस मामले में राज्य सरकार, कलेक्टर डिंडौरी, ग्राम पंचायत देवरा और ओमप्रकाश धुर्वे को पक्षकार बनाया गया है।
यह है मामला
यह जनहित याचिका डिंडौरी के वार्ड नंबर 6 निवासी वीरेन्द्र केशवानी की ओर से दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि पूर्व मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे ने डिंडौरी के देवरा ग्राम पंचायत के अंतर्गत नर्मदा नदी के 300 मीटर के प्रतिबंधित क्षेत्र में बिल्डिंग का निर्माण कर लिया है। याचिका में कहा गया कि सूचना के अधिकार के तहत देवरा ग्राम पंचायत की ओर से मिली जानकारी से पता चला है कि पूर्व मंत्री ने बिल्डिंग निर्माण के लिए किसी भी प्रकार की अनुमति नहीं ली है। नियम विरुद्ध तरीके से नर्मदा नदी के प्रतिबंधित क्षेत्र में बिल्डिंग का निर्माण किया गया है।
हाईकोर्ट के आदेश की अनदेखी
अधिवक्ता राजेश चंद और आरबी साहू ने कहा कि हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि नर्मदा नदी के तट से 300 मीटर क्षेत्र में किसी भी प्रकार का निर्माण नहीं किया जाएगा। इसके बाद भी पूर्व मंत्री ने अपने रसूख के दम पर नियम विरुद्ध तरीके से निर्माण कार्य कर लिया। इस मामले में कलेक्टर और ग्राम पंचायत देवरा से शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। प्रारंभिक सुनवाई के बाद डिवीजन बैंच ने इस मामले को नर्मदा नदी को लेकर विचाराधीन मूल याचिका के साथ लिंक कर दिया है।
Created On :   9 Jun 2021 5:51 PM IST