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हाईकोर्ट में अवैध कॉलोनियों के नियमितीकरण को चुनौती

डिजिटल डेस्क जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर अवैध कॉलोनियों के नियमितीकरण को चुनौती दी गई है। याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार द्वारा 20 जुलाई को जारी अध्यादेश से अवैध कॉलोनियों को बढ़ावा मिलेगा, इसलिए अध्यादेश को निरस्त किया जाए। याचिका पर जल्द सुनवाई होने की संभावना है।
राज्य सरकार ने 20 जुलाई को अध्यादेश जारी कर प्रदेश की अवैध कॉलोनियों के नियमितीकरण का निर्णय लिया है। इस अध्यादेश को नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ. पीजी नाजपांडे और रजत भार्गव ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है। याचिका में कहा गया है कि संशोधित अध्यादेश में कॉलोनीवासियों को मिल रही मूलभूत सेवाओं को व्याख्या से ही विलोपित कर दिया गया है। अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने बताया कि इस अध्यादेश के लागू होने से सड़क, पार्क, नदियों तथा तालाबों के किनारे बनाई गई अवैध कॉलोनियों पर कार्रवाई नहीं की जाएगी। केवल कम्पाउंडिंग शुल्क वसूला जाएगा। अवैध कॉलोनी बनाने वाले भू-माफिया के खिलाफ भी कार्रवाई नहीं की जाएगी।
अवैध कॉलोनियों के फोटोग्राफ पेश किए गए-
याचिका में जबलपुर में बनी अवैध कॉलोनियों के फोटोग्राफ भी पेश किए गए हैं। इसमें रानीताल, महानद्दा, गुलौआताल तथा सूपाताल के किनारे बनी अवैध कॉलोनियाँ शामिल हैं। याचिका में कहा गया है कि अवैध कॉलोनियों के नियमितीकरण से नागरिकों के शुद्ध जल, स्वास्थ्य एवं स्वच्छ रहवास के अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है।
Created On :   31 July 2021 9:57 PM IST