पीएमसी बैंक घोटाले में 32 हजार पन्नों का आरोप पत्र दायर, 5 के खिलाफ चार्जशीट

charge sheet of 32 thousand pages was filed in PMC Bank scam
पीएमसी बैंक घोटाले में 32 हजार पन्नों का आरोप पत्र दायर, 5 के खिलाफ चार्जशीट
पीएमसी बैंक घोटाले में 32 हजार पन्नों का आरोप पत्र दायर, 5 के खिलाफ चार्जशीट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने शुक्रवार को पंजाब महाराष्ट्र को-आपरेटिव (पीएमसी) बैंक के  हजारों करोड़ो रुपए के घोटाले के मामले में कोर्ट में पांच आरोपियों के खिलाफ 32 हजार पन्नों का आरोपपत्र दायर किया है। आरोप पत्र में आरोपी के रुप में बैंक के पूर्व प्रबंध निदेक जॉय थामस, पूर्व चेयरमैन वरियाम सिंह, पूर्व निदेशक सुरजीत सिंह अरोरा के अलावा हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इफ्रास्टेक्चर (एचडीआईएल) के प्रमोटर राकेश व सारंग वाधवान का नाम शामिल है। आरोपियों भारतिय दंड संहित की विभिन्न धाराओं सहित धोखाधड़ी, सबूत को नष्ट करने व फर्जी दस्तावेज तैयार करने के आरोप लगाए गए है। 

इस साल सितंबर महीने में पीएमसी बैंक के 6700 करोड़ रुपए का घोटाला सामने आया था। इन गड़बड़ियों के सामने आने के तुरंत बाद सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था। फिलहाल सभी आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं। अभी पुलिस ने सिर्फ पांच आरोपियों के खिलाफ ही आरोप पत्र दायर किया है। 

कुछ समय बाद पुलिस इस मामले से जुड़े सात आरोपियों के खिलाफ पूरक आरोपपत्र दायर करेगी। 32 हजार पन्ने के आरोपपत्र के साथ पीएमसी बैंक की फारेंसिक आडिट रिपोर्ट, आरोपी बैंक अधिकारियों द्वारा खरीदी गई संपत्तियों से जुड़े दस्तावेज व उन्हें एचडीआईएल से मिले फायदे से संबंधी सबूत जोड़े गए हैं। आरोपपत्र में साथ 340 गवाहों के बयान भी हैं। जिसमे बैंक खाताधारक भी शामिल हैं। पुलिस ने इस मामले में चार महत्वपूर्ण गवाहों के बयान मैजिस्ट्रेट के सामने धारा 164 के तहत दर्ज कराए गए हैं। 

गौरतलब है कि मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने 23 सितंबर 2019 को इस मामले को लेकर आपराधिक मामला दर्ज किया था। जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि पीएमसी बैंक की ज्यादातर रकम कर्ज के रुप में एचडीआईएल को दी गई है। इस दौरान 44 संदिग्ध बैंक खाते भी मिले थे। जिनके जरिए एचडीआईएल को फायदा पहुंचाया गया था। 

राजवर्धन संयुक्त पुलिस आयुक्त आर्थिक अपराध शाखा के मुताबिक मामले में यह पहला आरोपपत्र है, आगे जांच के बाद दूसरे आरोपियों के खिलाफ भी आरोपपत्र दायर किए जाएंगे। हमारी जांच में यह साफ हुआ कि आरोपियों ने जानबूझकर फर्जी खाते बनाएं और उससे जुड़ी जानकारी छिपाकर इस घोटाले को अंजाम दिया
                               

Created On :   27 Dec 2019 8:14 PM IST

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