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बयान का गलत मतलब निकालने वालों के खिलाफ होगी कानूनी कार्रवाई, चव्हाण के बयान पर भड़के हिंदू संगठन
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री तथा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने मंदिरों में पड़े सोने को नियंत्रण में लेने वाले बयान पर सफाई दी है। गुरुवार को चव्हाण ने कहा कि मैंने जो सुझाव दिया है वह मोदी सरकार के सरकारी योजना का एक हिस्सा है। चव्हाण ने कहा कि कोरोना संकट के कारण देश में पैदा हुए आर्थिक संकट के मद्देनजर मैंने मंदिरों के सोने को नियंत्रण में लेने का सुझाव केंद्र सरकार को दिया है, लेकिन कुछ असामाजिक तत्वों ने मेरे सुझाव का गलत मतलब निकालकर धार्मिक दरार पैदा करने की कोशिश की है। ऐसे लोगों के खिलाफ मैं उचित कानूनी कार्यवाही करूंगा। चव्हाण ने कहा कि सोने को कर्ज के रूप में लेने की योजना को भारत में दो प्रधानमंत्रियों ने लागू किया है। संयोग से दोनों प्रधानमंत्री भाजपा के हैं। उन्होंने कहा कि साल 1998 में परमाणु परीक्षण के मद्देनजर तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 14 सितंबर 1999 को स्वर्ण जमा योजना शुरू की थी। इसके बाद नवंबर 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना का नाम बदल कर स्वर्ण मुद्रीकरण योजना कर दिया। इस योजना के तहत देश के 8 मंदिरों ने सोना विभिन्न बैंकों में रखा है। इसमें शिर्डी और तिरुपती मंदिर का भी समावेश है। चव्हाण ने कहा कि नवंबर 2015 से जनवरी 2020 तक इस योजना के तहत 11 बैंकों में 20.5 टन सोना जमा हुआ है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट के अनुसार भारत में काफी सोना व्यवहार में नहीं है। इसलिए मैंने केंद्र सरकार को यह सुझाव दिया था।
चव्हाण के बयान पर भड़के हिंदू संगठन
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री तथा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण के मंदिरों में पड़े सोने को नियंत्रण में लेने के लिए केंद्र सरकार को दी गई सलाह पर भाजपा और हिन्दूवादी संगठन भड़क गए हैं। प्रदेश भाजपा के आध्यात्मिक आघाडी के सहसंयोजक आचार्य तुषार भोसले ने निशाना साधते हुए चव्हाण से पूछा है कि मंदिर आपकी निजी मिल्कियत है क्या? भोसले ने चव्हाण की ओर से की गई मांग का तीव्र निंदा की है। गुरुवार को भोसले ने कहा कि देश में संकट के समय मंदिरों की ओर भरपूर मदद की जाती है और आगे भी की जाएगी। लेकिन मंदिर की संपत्ति सोने को कब्जे में लेने के लिए आपको सलाह देने का अधिकार किसने दिया है। भोसले ने कहा कि मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए मंदिरों को मदद करने के लिए आपके हाथ में लगवा मार गया था। फिर अब मंदिर की संपत्ति मांगते समय आपको शर्म नहीं आ रही है। भोसले ने कहा कि कोरोना संकट से उबरने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपए का पैकेज घोषित किया है। देश के लिए पैसे लाने के लिए मोदी सक्षम हैं। इसलिए आपके सलाह की आवश्यकता नहीं है।
मंदिर के सोने पर कांग्रेस की नजर - समिति
हिन्दू जनजागृति समिति ने भी कांग्रेस नेता चव्हाण पर निशाना साधा है। समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश शिंदे ने कहा कि कांग्रेस की नजर हिन्दू मंदिरों में रखे सोने पर है। उन्होंने कहा कि 70 सालों में विभिन्न घोटालों में लूटे गए 4 लाख 82 हजार करोड़ रुपए का हिसाब कांग्रेस के नेताओं को देना चाहिए। कांग्रेस ने देश को सेक्यूलर घोषित करके अल्पसंख्यकों के लिए योजना और हज यात्रा, इफ्तार, मौलानाओं के वेतन पर हजारों करोड़ रुपए खर्च किए। एक भी रुपया किसी मंदिर को नहीं दिया। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट में प्रभु श्रीराम के काल्पनिक होने का हलफनामा दाखिल किया था। रामसेतू को तोड़ने का षड्यंत्र रचा गया। ऐसी कांग्रेस पार्टी का हिन्दुओं के मंदिर से कुछ लेना देना नहीं है। इससे पहले चव्हाण ने बुधवार को केंद्र सरकार को देश के मंदिरों में पड़े सोने को नियंत्रण में लेने की सलाह दी थी।
Created On :   14 May 2020 9:10 PM IST