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हाईकोर्ट में हाजिर होंगे छतरपुर कलेक्टर, एक महिला का नाम राजस्व रिकार्ड में दर्ज न करने का मामला

डिजिटल डेस्क जबलपुर। एक महिला का नाम सिविल कोर्ट के आदेश के बाद भी राजस्व रिकार्ड में दर्ज न करने के मामले पर हाईकोर्ट में छतरपुर के कलेक्टर को हाजिर होना पड़ेगा। रिकार्ड में नाम दर्ज कराने के लिए दर-दर की ठोकरें खाने मजबूर एक महिला की याचिका पर जस्टिस नंदिता दुबे की एकलपीठ ने सोमवार को सुनवाई के बाद उक्त व्यवस्था दी। साथ ही कलेक्टर की उपस्थिति के लिए मामले की अगली सुनवाई 21 अक्टूबर को निर्धारित की है।
यह है आवेदक का कहना-
यह याचिका छतरपुर के वार्ड नं. 26 में रहने वाली संगीता स्वर्णकार की ओर से दायर की गई है। आवेदक का कहना है कि छतरपुर के ग्राम बकायन के खसरा नं. 578 की 0.975 है क्टेयर जमीन का विवाद सिविल कोर्ट में चला। 18 जनवरी 2017 को सिविल कोर्ट ने याचिकाकर्ता के पक्ष में फैसला देते हुए डिक्री पारित की। इस फैसले के
बाद राजस्व रिकार्ड में अपना नाम दर्ज कराने याचिकाकर्ता दर-दर की ठोकरें खाने मजबूर हो गई, पर संबंधित अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की। इस पर यह याचिका अगस्त माह में दायर करके संबंधित अधिकारियों को परमादेश जारी करने की राहत हाईकोर्ट से चाही गई थी।
कोर्ट में हाजिर होना पड़ेगा-
मामले पर 11 सितंबर 2019 को हुई सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार व अन्य के पैरोकार से पूछा था कि 18 जनवरी 2017 के आदेश के बाद छतरपुर कलेक्टर ने क्या प्रक्रिया अपनाई? 24 सितंबर को कलेक्टर की ओर से कोई जानकारी पेश न किए जाने को आड़े हाथों लेते हुए हाईकोर्ट ने साफ तौर पर कहा था कि यदि 14 अक्टूबर को होने वाली सुनवाई के दौरान कलेक्टर पक्ष नहीं रखते तो उन्हें कोर्ट में हाजिर होना पड़ेगा। मामले पर सोमवार को आगे हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता मनीष वर्मा हाजिर हुए। उन्होंने अदालत को बताया कि पूर्व में एक पत्र जरूर कलेक्टर को भेजा गया था, लेकिन वे यह नहीं बता सकते कि पत्र संबंधित अधिकारी तक पहुंचा भी है, या नहीं। श्री वर्मा ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि वे कलेक्टर को 21 अक्टूबर को होने वाली अगली सुनवाई पर हाजिर रखेंगे। उनके बयान पर अदालत ने मामले की सुनवाई मुल्तवी कर दी।
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डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।