पत्नी के साथ जबरदस्ती बनाया गया यौन संबंध मैरिटल रेप नहीं

Chhattisgarh High Court:  Sexual intercourse between man and wife is not rape even if by force
पत्नी के साथ जबरदस्ती बनाया गया यौन संबंध मैरिटल रेप नहीं
यौन संबंधों पर कोर्ट का बड़ा फैसला पत्नी के साथ जबरदस्ती बनाया गया यौन संबंध मैरिटल रेप नहीं
हाईलाइट
  • छग उच्च अदालत का अहम फैसला

डिजिटल डेस्क, रायपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला दिया है। इस फैसले में हाई कोर्ट में कहा गया है कि  पति द्वारा पत्नि के साथ बल पूर्वक बनाया गया यौन संबध किसी प्रकार के बलात्कार के श्रेणी में नहीं आएगा। कोर्ट ने एक केस की सुनवाई के तहत यह अहम फैसला लिया है, और पति को मैरिटल रेप के आरोप से मुक्त कर दिया है।
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा, "कानूनी रूप से विवाहित पत्नी के साथ पति द्वारा बनाया गया यौन संबंध बलात्कार की श्रेणी में नहीं आएगा, भले ही यह बलपूर्वक क्यों न बनाया गया हो।" हालांकि अदालत ने ये साफ कर दिया कि ऐसे मामलों में पत्नी की उम्र 18 साल से कम नहीं होनी चाहिए।  


इस मुकदमे में शिकायतकर्ता महिला, आरोपी पति की कानूनी रूप से पत्नी है। जिस पर अदालत ने कहा कि किसी भी पुरुष के द्वारा अपनी ही पत्नी के साथ बनाया गया शारीरिक संबंध किसी भी प्रकार के बलात्कार के श्रेणी में नहीं आएगा। हालांकि आरोपी को हाई कोर्ट ने मैरिटल रेप के आरोपों से मुक्त कर दिया है, लेकिन इस आरोपी के खिलाफ अब कोर्ट में आईपीसी के तहत अप्राकृतिक सेक्स के आरोप में केस चलेगा।

मैरिटल रेप क्या है ?

आप को बता दें मैरिटल रेप का केस दिल्ली हाई कोर्ट में भी आ चुका है, जिस पर केंद्र ने कहा था कि वैवाहिक रेप को अपराध के श्रेणी में नहीं रखा जाएगा। मैरिटल रेप एक हिसाब से घरेलू हिंसा का ही विकृत रूप है। इस रेप में पत्नी के सहमति के बगैर पति द्वारा जबरदस्ती पत्नी के साथ शारीरिक संबंध बनाया जाता है या फिर अपने साथ यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर करना ही मैरिटल रेप की श्रेणी में रखा जाता रहा है। 

Created On :   26 Aug 2021 11:41 AM GMT

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