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दिन दहाड़े डकैती कर रही है मोदी सरकार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने मोदी सरकार के नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन (एनएमपी) को केंद्र सरकार पर एक बार फिर निशाना साधा है। शुक्रवार को मुंबई कांग्रेस कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि इसके जरिए मोदी सरकार दिनदहाड़े डकैती कर रही है। चिदंबरम ने कहा कि नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन से 1.5 लाख करोड़ मिलेंगे लेकिन उन्हें यह भी बताना चाहिए कि वर्तमान राजस्व क्या है? मान लें कि मौजूदा राजस्व 1.60 लाख करोड़ है। वह निजीकरण करेंगी और केवल 1.5 लाख करोड़ प्राप्त करेंगी। कांग्रेस नेता ने कहा कि मान लें कि वर्तमान राजस्व 1.3 लाख करोड़ रुपए है, उन्हें केवल 20,000 करोड़ रुपए अतिरिक्त मिल रहे हैं। 20 हजार करोड़ रुपए के लिए, आप वह सब बेच देंगे जो 70 वर्षों में बनाया गया है? उन्होंने कहा कि यह तो दिनदहाड़े डकैती है। कांग्रेस नेता ने कहा कि जिन संपत्तियों की पहचान एनएमपी के तहत की गई है, उनसे मौजूदा समय में भी कोई न कोई राजस्व जरूर मिल रहा होगा। चिदंबरम ने सवाल किया कि क्या सरकार ने मौजूदा राजस्व और चार साल की अवधि में मिलने वाले छह लाख करोड़ रुपये के राजस्व में अंतर का आकलन किया है? अगर किया है तो फिर इन चार वर्षों में हर साल दोनों राजस्व में कितना अंतर होगा? पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि कांग्रेस को एनएमपी को लेकर कई आपत्तियां हैं।
घाटे में चल रही परियोजनाओं का हमने किया था मुद्रीकरण
पूर्व वित्त मंत्री ने सवाल किया कि एनआईपी के लिए 100 लाख करोड़ रुपये की जरूत होगी। क्या चार साल में एकत्र होने वाला छह लाख करोड़ रुपये का राजस्व 100 लाख करोड़ रुपये की परियोजना के वित्तपोषण के लिए पर्याप्त होगा? उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी ने सत्ता में रहते हुए, घाटे में चल रही संपत्तियों का मुद्रीकरण किया। जबकि नरेंद्र मोदी सरकार इसके उलट कर रही है। कांग्रेस ने कभी सामरिक महत्व वाली संपत्तियों को नहीं बेचा। चिदंबरम ने जोर देकर कहा, हमने हमेशा सुनिश्चित किया कि किसी तरह का एकाधिकार नहीं होना चाहिए।
छह लाख करोड़ रुपए का क्या होगा
चिदंबरम ने कहा कि केंद्र सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि छह लाख करोड़ रुपये के राजस्व का उपयोग 2021-22 के दौरान 5.5 लाख करोड़ रुपये के राजकोषीय घाटे के संदर्भ में नहीं होगा, उन्होंने सरकार से यह खुलासा करने का भी आग्रह किया कि एनएमपी के उद्देश्य क्या हैं और छह लाख करोड़ रुपये का राजस्व एकत्र करने का मुख्य लक्ष्य क्या है? चिदंबरम ने सरकार के समक्ष 20 सवाल रखे और कहा कि सरकार को चिन्हित की गई संपत्तियों के उस मूल्य का खुलासा करना चाहिए, जो एक अवधि के बाद सरकार के पास वापस जाएगा।
दरअसल केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बीते 23 अगस्त को 6 लाख करोड़ रुपए के नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत गैस पाइपलाइन, राजमार्ग जैसी परियोजनाओं को निजी क्षेत्र के साथ साझा करने या किराये पर देकर आय बढ़ाने का प्रस्ताव है। केंद्र सरकार ने एक बयान में कहा एनएमपी के तहत मुख्य संपत्तियों के मोनेटाइजेशन के फ्रेमवर्क में स्पष्ट रूप से बताया गया है एनएमपी में कोई भी संपत्ति बिक्री के लिए नहीं है।
Created On :   3 Sept 2021 5:42 PM IST