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मुख्यमंत्री के ओएसडी ने रोकी दिवालिया बैंक की नीलामी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। आम आदमी पार्टी (आप) ने आरोप लगाया है कि रिर्जव बैंक द्वारा दिवालिया घोषित भंडारी सरकारी बैंक की निलामी में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) सुधीर नाईक ने मुख्यमंत्री के नाम पर हस्तक्षेप की है। उन्होंने यह कहते हुए नीलामी में खरीदी गई प्रापर्टी का हस्तांतरण करने से रोक दिया कि यह मुख्यमंत्री का आदेश है। आप नेता प्रीति शर्मा मेनन ने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हाईकोर्ट द्वारा भंडारी सहकारी बैंक की संपत्तियों की नीलामी करने का आदेश दिया गया था। पर बैंक इन संपत्तियों की नीलामी करने के अपने ग्राहकों का बकाया पैसे चुकाने मे असफल रहा है। मेनन ने दावा किया कि इस मामले में अजीबोगरीब घटना सामने आई है। संपत्ति की औपचारिक रूप से नीलामी की गई और बोली लगाने वाले ने पूरी देय राशि का भुगतान भी कर दिया, फिर भी संपत्ति को हस्तांतरित नहीं होने दिया जा रहा है।
मेनन ने कहा कि ऐसा कई मामलों में हुआ है। बोली लगाने वालों ने आगे आकर कहा है कि उन्होंने संपत्ति के लिए पूरी राशि का भुगतान कर दिया है, सभी उचित प्रक्रियाओं का पालन किया है और यहां तक कि सहकारिता राज्य मंत्री के सामने एक सुनवाई के बाद, संपत्ति की सुपुर्दगी के लिए फैसला किया गया। इसके बावजूद हर बार जब संपत्ति को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया शुरू होती है, तो अधिकारियों को मुख्यमंत्री के ओएसडी सुधीर नाइक का फोन आ जाता है और यह कहा जाता है कि मुख्यमंत्री ने बिक्री पर रोक लगा दी है। ऐसा लगता है कि नाइक अपने अधिकार का दुरुपयोग कर रहे हैं और हाईकोर्ट के आदेश को पूरा नहीं होने देना चाहते। नाईक चाहते हैं कि भंडारी सहकारी बैंक के स्वामित्व का हस्तांतरण नए मालिकों को किसी भी सूरत में न होने पाए।
मेनन ने बताया कि नवंबर 2019 में रश्मि उपाध्याय की साई डेटा फॉर्म ने भंडारी बैंक की एक संपत्ति की नीलामी के लिए प्रमुख समाचार पत्रों में एक विज्ञापन के बाद संपत्ति अधिग्रहण की कानूनी कार्यवाही शुरू की। यह संपत्ति गोरेगांव पूर्व में है। नीलामी में भाग लेने वाले साई डेटा फॉर्म्स ने सभी देय भुगतान किए और उम्मीद कर रहे थे कि नीलामे से हासिल की गई संपत्ति मार्च 2020 के आसपास उन्हें हस्तांतरित कर दी जाएगी। शुरू में महामारी के कारण और फिर तकनीकी त्रुटियों के छिटपुट गैर जरूरी बहाने बता कर हस्तांतरण में काफी देर हुई। साईं डेटा फॉर्म संपत्ति के हस्तांतरण के लिए हर स्तर पर प्रयास करते रहे, लेकिन उन्हें हमेशा बताया गया कि इसे मुख्यमंत्री के ओएसडी सुधीर नाइक ने रोक दिया है।
फरवरी 2021 में सहकारिता राज्य मंत्री, डॉ. विश्वजीत कदम के सामने एक सुनवाई के बाद उन्हें लिखित रूप से आगे बढ़ने की अनुमति दी गई थी, लेकिन बाद में मंत्री के ओएसडी संपर्क ढावकर ने उन्हें बताया कि मुख्यमंत्री के ओएसडी सुधीर नाईक ने हस्तांतरण की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। इसके बाद रश्मि ने कैबिनेट मंत्री बालासाहेब पाटिल के ओएसडी संतोष पाटिल से संपर्क किया। जिन्होंने उन्हें फिर से सुधीर नाइक से संपर्क करने को कहा। अंत में रश्मि ने सुधीर नाईक से बात की जिन्होंने स्वयं बताया कि बंद हो चुके भंडारी बैंक की संपत्ति के हस्तांतरण को रोकने का आदेश मुख्यमंत्री की ओर से आया है।
मेनन ने कहा कि हमें यह अविश्वसनीय लगता है कि कानूनी रूप से संपत्ति के हस्तांतरण में बाधा डालने में मुख्यमंत्री की किसी भी तरह की रुचि होगी। प्रश्न यह उठता है कि मुख्यमंत्री के नाम पर कोई ओएसडी किसी कानूनी प्रक्रिया में बाधा कैसे पहुंचा सकता है। भंडारी सहकारी बैंक की इस संपत्ति या अन्य किसी भी संपत्ति में सुधीर नाइक की क्या रूचि है?
इस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करें सीएम
प्रीति शर्मा मेनन ने कहा कि हम मुख्यमंत्री से उनके नाम का दुरुपयोग करने के लिए सुधीर नाइक पर कार्रवाई करने की मांग करते हैं। नीलामियों के लाभार्थियों को उनकी खरीदी गई संपत्तियों को सौंप दिया जाना चाहिए, और इस तरह हुई देरी के कारण उन्हें जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई की जानी चाहिए।
Created On :   12 July 2021 6:11 PM IST