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हाईकोर्ट के आदेश का पालन न करने वालों की खैर नहीं

डिजिटल डेस्क जबलपुर। एक कर्मचारी के पक्ष में नवम्बर 2013 में पारित आदेश का अब तक पालन न होने को हाईकोर्ट ने जमकर आड़े हाथों लिया है। जस्टिस जेके माहेश्वरी ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के प्रमुख सचिव को उन सभी अफसरों का ब्यौरा पेश करने कहा, जिनकी टेबल से हाईकोर्ट का आदेश तो गुजरा, लेकिन उसका पालन नहीं किया गया। अदालत ने आदेश की एक प्रति प्रमुख सचिव को भेजने कहा, ताकि इस आदेश का पालन एक माह में हो सके। ऐसा न होने की सूरत में प्रमुख सचिव को 12 मार्च को होने वाली अगली सुनवाई पर हाजिर होना पड़ेगा।
अदालत ने यह निर्देश रीवा जिले के पीएचई विभाग धोबिया में चौकीदार के पद पर कार्यरत चंद्रिका प्रसाद मिश्रा की ओर से दायर अवमानना याचिका पर दिए। आवेदक का कहना है कि उसने स्थाई होने एक मामला लेबर कोर्ट में दायर किया था। लेबर कोर्ट से 27 फरवरी 2013 को उसके पक्ष में आदेश भी हो गया, जिसके खिलाफ विभाग ने औद्योगिक न्यायालय में अपील दायर की। वहां से विभाग का मामला खारिज होने के बाद आवेदक को बकाया लाभों का भुगतान करने आरआरसी भी जारी हुई। उसके बाद भी लाभों का भुगतान न होने पर एक याचिका वर्ष 2013 में हाईकोर्ट में दायर की गई थी। हाईकोर्ट ने 22 नवम्बर 2013 को याचिकाकर्ता को मिलने वाले सभी लाभों का भुगतान 3 माह में करने के आदेश विभाग व अन्य को दिए थे। इसके बाद भी भुगतान न किए जाने पर यह अवमानना याचिका वर्ष 2014 में दायर की गई थी।
मामले पर हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने पाया कि पूर्व में दिए आदेश का पालन करने के बजाए अनावेदक कोई न कोई अर्जी दाखिल करके समय की मांग करते रहे। अदालत ने कहा- नवम्बर 2013 में आदेश पारित होने के बाद फरवरी 2018 आ गया। अफसर बदलते रहे, लेकिन किसी ने भी आदेश का पालन करने में दिलचस्पी नहीं दिखाई।ज् इसे आड़े हाथों लेते हुए अदालत ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के प्रमुख सचिव को सभी अधिकारियों का ब्यौरा पेश करने के निर्देश दिए। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता नीलिमा गुप्ता पैरवी कर रहीं हैं।
Created On :   8 Feb 2018 1:41 PM IST