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जिस कार में विस्फोटक था वो कभी चोरी हुई ही नहीं थी, जांच के नाम पर CIU ने नष्ट किए सबूत
डिजिटल डेस्क, मुंबई। एनआईए की जांच में खुलासा हुआ है कि विस्फोटक भरी कार मिलने के बाद पहले तीन दिनों तक इसकी जांच करने वाली क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट ने छानबीन के नाम पर सबूत नष्ट किए। जांच में पता चला कि मनसुख हिरेन ने जिस गाड़ी की चोरी होने की शिकायत की थी, दरअसल वह कभी चोरी ही नहीं हुई। गाड़ी का दरवाजा चाबी से खोला गया और इसे ले जाकर ठाणे की उसी साकेत सोसायटी में खड़ी कर दिया गया, जहां मामले में गिरफ्तार पूर्व एपीआई सचिन वाझे रहता था। इसके बाद वाझे ने ही विक्रोली पुलिस को फोन पर गाड़ी चोरी की एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे।
सीआईयू के ऑफिस में छापेमारी
एनआईए की टीम ने सबूतों की तलाश के लिए मुंबई पुलिस मुख्यालय में स्थित सीआईयू के ऑफिस की सोमवार रात 8 बजे से मंगलवार तड़के 4 बजे तक तलाशी ली। इसके अलावा मामले में अब तक सीआईयू और विक्रोली पुलिस स्टेशन में तैनात 7 पुलिसवालों से एनआईए की टीम पूछताछ कर चुकी है। सचिन वाझे का मोबाइल और आईपैड भी एनआईए ने जब्त कर लिया है। एक मर्सिडीज कार भी जब्त की गई है। अब तक की छानबीन के बाद एनआईए अधिकारियों को लगता है कि एंटीलिया के बाहर वाझे ने ही पीपीई किट पहनकर कार खड़ी की थी।
बाद में 27 फरवरी को फोन कर विक्रोली पुलिस को मामले की जांच बंद करने को कहा था। दरअसल स्कॉर्पियो का असली मालिक सैम न्यूटन नाम का शख्स है, जिससे बकाया पैसे न मिलने के चलते मनसुख ने यह कार अपने पास रख ली थी। ऐसे में बिना उचित कागजात के विक्रोली पुलिस द्वारा इतनी जल्दी गाड़ी चोरी की शिकायत दर्ज करने पर सवाल उठाए जा रहे थे। सीआईयू की एक टीम 27 फरवरी को यहां सोसायटी में रिकॉर्ड हुए पूरी सीसीटीवी फुटेज अपने साथ ले गई। इसके लिए सीआईयू के एक और एपीआई रियाज काजी ने अर्जी दी थी। काजी, वाझे का खास है और इस मामले में एनआईए लगातार उससे पूछताछ कर रही है। हाउसिंग सोसायटी की ओर से चार मार्च को इस मामले की लिखित सूचना स्थानीय राबोडी पुलिस स्टेशन में की गई थी। इसके अलावा सीआईयू की टीम ठाणे स्थित उस दुकान से भी डीवीआर उठा ले गई थी जहां फर्जी नंबर प्लेट बनवाए गए थे।
Created On :   16 March 2021 8:10 PM IST