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दावा 1 लाख 20 हजार का, हाईकोर्ट ने दिए 4.55 लाख- पीड़ित मां को मिली राहत

डिजिटल डेस्क जबलपुर । दमोह में रहने वाली उस महिला को हाईकोर्ट से राहत मिली है, जिसने 6 साल पहले सड़क हादसे में अपना जवान बेटा खो दिया था। उसने एक्सीडेंट ट्रिब्यूनल से मिले 1 लाख 45 हजार के मुआवजे में 1 लाख 20 हजार रुपये की वृद्धि के लिए यह मामला दायर किया था। जस्टिस जेके माहेश्वरी की एकलपीठ ने बीमा कम्पनी की ओर से की गई आपत्ति को दरकिनार करके आवेदक महिला को 4 लाख 55 हजार रुपए का अतिरिक्त मुआवजा देने के आदेश दिए। हालांकि अदालत ने साफ किया है कि यदि महिला 1 माह के भीतर बढ़ी हुई कोर्ट फीस जमा करती है, तभी उसको मुआवजे की बढ़ी हुई राशि मिलेगी।
सड़क हादसे में हुई थी जवान बेटे की मौत
अदालत ने यह फैसला दमोह की बड़पुरा बजरिया में रहने वाली बड़ी बाई की ओर से दायर की गई थी। महिला का कहना था कि उसका 28 साल का बेटा गिरधारी मजदूरी का काम करता था। 3 जुलाई 2012 को एक सड़क हादसे में उसकी मौत हो गई थी। दमोह के एक्सीडेंट ट्रिब्यूनल ने 15 मई 2013 को मुआवजे के रूप में कुल 1 लाख 45 हजार रुपए देने के आदेश बीमा कंपनी को दिए थे। इसी आदेश के खिलाफ यह अपील हाईकोर्ट में दायर करके बीमा कंपनी से 1 लाख 20 हजार रूपए का अतिरिक्त मुआवजा दिलाए जाने की राहत चाही थी।
नहीं हुआ था सही आंकलन
सुनवाई के दौरान आवेदक महिला की ओर से अधिवक्ता कपिल पटवर्धन की दलील थी कि एक्सीडेंट ट्रिब्यूनल ने मृतक की आय और उम्र का सही आंकलन नही किया, इसलिए उनकी मुवक्किल ज्यादा मुआवजा पाने की हकदार है। वहीं बीमा कम्पनी की ओर से कहा गया आवेदक महिला का दावा 1 लाख 20 हजार रुपए का है और उसने कोर्ट फीस भी इतने ही दावे की जमा की है, इसलिए उसको 1 लाख 20 हजार का ही अतिरिक्त मुआवजा मिलना चाहिए। अदालत ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश द्वारा दिए गए एक फैसले पर गौर करने का बाद कहा- "सुको के फैसले के बाद कानून भी बदल चुका है। अब यह तय करना कोर्ट का काम है कि पीडि़त पक्ष को मिलने वाले मुआवजे की रकम उचित और पर्याप्त होना चाहिए।" इस मत के साथ अदालत ने महिला द्वारा चाहे गए मुआवजे में 3 गुना वृद्धि करने के आदेश दिए।
Created On :   26 March 2018 4:51 PM IST