जबलपुर के स्वच्छता अभियान में फर्जीवाड़ा उजागर

Clean india campaign exposed in Jabalpur
जबलपुर के स्वच्छता अभियान में फर्जीवाड़ा उजागर
जबलपुर के स्वच्छता अभियान में फर्जीवाड़ा उजागर

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। गांधी जयंती के अवसर पर जबलपुर की जिस ग्राम पंचायत को स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत द्वितीय पुरस्कार दिया है, उस पंचायत के ग्रामों में उपयोग के अनुसार शौचालयों का निर्माण ही नहीं किया गया है। चौंकाने वाली बात यह है कि शौचालय निर्माण के लिए हितग्राहियों के बैंक खाते में जो राशि जमा होनी थी वह भी गायब है, लिहाजा ग्राम पंचायत ने ही पुरस्कार के औचित्य और ओडीएफ चयन प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

दरअसल विकास आयुक्त कार्यालय भोपाल के आदेशानुसार जिला पंचायत जबलपुर द्वारा 15 सितंबर से 2 अक्टूबर तक चले स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत शहपुरा तहसील की बिलखरवा पंचायत को जबलपुर कलेक्टर द्वारा द्वितीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। मंगलवार को पंचायत की ग्रामसभा में पंचायत के प्रतिनिधियों समेत अन्य पंचों को पुरस्कार संबंधी जानकारी मिली तो पंचायत में सार्वजनिक तौर पर बताया गया, कि गांव में जरूरत के मुताबिक शौचालयों को निर्माण हुआ ही नहीं है। जो शौचालय पूर्व में बने थे वे भी जर्जर होकर बेकार हैं।

गांव में कई परिवार के सदस्य अभी भी खुले में शौच जा रहे हैं, ऐसे में जिला पंचायत के इस फैसले पर हैरानी जताते हुए सरपंच काशीबाई पति रमेश चौधरी और पंचायत सचिव महेंद्र पटेल के बताया उनके 1400 की आबादी वाले गांव में 100 शौचालय भी नहीं बने हैं। गांव में शौचालय निर्माण के लिए राशि स्वीकृति संबंधी सूची में तो ग्रामीणों के नाम मौजूद हैं, लेकिन संबंधित राशि हितग्राहियों के खाते में आई ही नहीं।

पंचायत की ग्राम सभा में वार्ड 14 निवासी राकेश सोनी ने बताया शौचालय के लिए राशि स्वीकृत होने संबंधी सूची में उसका नाम है लेकिन खाते में कोई राशि नहीं आई। इस मामले में ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि पंचायत के पूर्व प्रतिनिधियों ने बिलखरवा पंचायत को कागजों में तो ओडीएफ घोषित करवा दिया गया लेकिन मौके पर काम 20 फीसदी भी नही हुए हैं।

मेरे वहां पदस्थ रहते कुछ घर शौचालय बनने से छूट गए थे जहां अब शौचालय बन गए होंगे, वर्तमान सचिव और सरपंच ऐसे आरोप क्यों लगा रहे हैं यह जांच का विषय है। शौचालय निर्माण के लिए राशि हितग्राहियों के खाते में ऑनलाइन ट्रांस्फर होती है इसलिए गड़बड़ी कैसे हुई यह जांच का विषय है।
तेज बहादुरसिंह, तत्कालीन जनपद सीईओ

पुरस्कार तो काम के आधार पर ही मिला होगा लेकिन सरपंच सहित पंचायतकर्मियों के आरोप गंभीर है जल्द ही जांच कर परीक्षण करवाएंगे।
महेश चौधरी, कलेक्टर जबलपुर

Created On :   4 Oct 2017 12:23 AM IST

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