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एल्गार परिषद मामले की आरोपी सुधा भारद्वाज की जमानत शर्ते तय
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राष्ट्रीय जांच एजेंसी(एनआईए) की विशेष अदालत ने भीमा-कोरेगांव के एल्गार परिषद व माओवादियों से कथित संबंध रखने से जुड़े मामले में आरोपी सुधा भारद्वाज की जमानत (डिफाल्ट बेल) की शर्तों को तय करते हुए उन्हें 50 हजार रुपए के निजी मुलके पर रिहा करने का निर्देश दिया है। इससे पहले एक दिसंबर को बांबे हाईकोर्ट ने भारद्वाज को जमानत प्रदान की थी। जबकि एनआईए की विशेष अदालत को जमानत की शर्ते तय करने का निर्देश दिया था। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में साफ किया था कि भारद्वाज के खिलाफ आरोपपत्र दायर करने के लिए अतिरिक्त समय देने व उन्हें हिरासत में भेजने का आदेश ऐसे न्यायाधीश ने दिया था। जो विशेष न्यायाधीश नहीं थे। इसके अलावा पुणे कोर्ट के पास इस तरह का आदेश जारी करने का अधिकार भी नही था। अब विशेष अदालत ने बुधवार को भारद्वाज को 50 हजार रुपए के नकद मुचलके व एक जमानतदार की शर्त के साथ जमानत प्रदान की है। इसलिए भारद्वाज की बुधवार अथवा गुरुवार को जेल से रिहाई हो सकती है। भारद्वाज फिलहाल मुंबई के भायखला स्थित महिलाओं की जेल में है।
कोर्ट ने जमानत की शर्तों के तहत भारद्वाज को मुंबई की एनआईए कोर्ट के क्षेत्राधिकार के भीतर रहने को कहा है और अदालत की अनुमति के बिना मुंबई से बाहर जाने पर रोक लगाई है। कोर्ट ने भारद्वाज के मामले से जुड़े सह आरोपियों से संपर्क करने से मना किया है। कोर्ट ने जमानत की शर्तों के तहत भारद्वाज को मीडिया(प्रिंट-इलेक्ट्रानिक) व सोसल मीडिया में किसी प्रकार का बयान देने से भी रोका है। उन्हें अंतराष्ट्रीय फोन काल्स करने से भी मना किया गया है। इससे पहले भारद्वाज को बुधवार को न्यायाधीश डीई कोथलिकल के सामने पेश किया गया। जिन्होंने आरोपी की जमानत की शर्ते तय की। भारद्वाज को साल 2018 में इस मामले में गिरफ्तार किया गया था। उन पर अवैध गतिविधि प्रतिबंधक कानून के तहत आरोप लगाए गए है। गौरतलब है कि हाईकोर्ट की ओर से भारद्वाज को जमानत देने के आदेश के खिलाफ एनआईए ने सुप्रीम कोर्ट में भी अपील स्वरुप याचिका दायर की थी।जिसे सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को खारिज कर दिया था।
Created On :   8 Dec 2021 6:28 PM IST