केन्द्रीय विद्यालय की तर्ज पर खुलेंगे सीएम राइज स्कूल , विश्वस्तरीय सुविधाओं के साथ हिन्दी-अंग्रेजी माध्यमों में होंगे 

CM Rise School to open on the lines of Kendriya Vidyalaya, will be in world-class Hindi-English mediums
केन्द्रीय विद्यालय की तर्ज पर खुलेंगे सीएम राइज स्कूल , विश्वस्तरीय सुविधाओं के साथ हिन्दी-अंग्रेजी माध्यमों में होंगे 
केन्द्रीय विद्यालय की तर्ज पर खुलेंगे सीएम राइज स्कूल , विश्वस्तरीय सुविधाओं के साथ हिन्दी-अंग्रेजी माध्यमों में होंगे 

स्कीम के तहत जबलपुर के 186 सरकारी स्कूल चयनित, 15 से 20 किमी की परिधि में रहने वाले विद्यार्थी करेंगे अध्ययन, बस-वैन की सुविधा होगी मुहैया

डिजिटल डेस्क जबलपुर । आने वाले समय में सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी भी सीबीएसई-आईसीएसई स्कूलों के विद्यार्थियों के समान कदमताल करते नजर आएँगे। ये कार्य सरकार की सीएम राइज योजना के तहत होगा, जिसमें केन्द्रीय विद्यालय की तर्ज पर सरकारी स्कूलों को विकसित किया जाएगा। इन स्कूलों में हिन्दी और अंग्रेजी दोनों माध्यमों की पढ़ाई होने सहित विश्वस्तरीय सुविधाएँ विद्यार्थियों को मुहैया कराई जाएँगी। ऐसे स्कूलों में 15 से 20 किमी के दायरे में आने वाले विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाएगा। उन्हें स्कूल बस-वैन आदि की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।        
इस योजना के तहत प्रत्येक स्कूल पर 20 करोड़ की राशि सरकार खर्च करेगी। जबलपुर जिले के 186 सरकारी स्कूलों को सीएम राइज योजना के लिए चिन्हित किया गया है। ये स्कूल स्विमिंग पूल, बैंिकंग काउंटर, डिजिटल स्टूडियो, कैफेटेरिया, जिम, थिंकिंग एरिया आदि से लैस रहेंगे। स्कूल िशक्षा विभाग का प्रयास सरकारी स्कूलों की बदतर हो चुकी हालत को बेहतर बनाना है, ताकि स्कूलों में घटती छात्र संख्या को बढ़ाया जा सके। 
पुराने स्कूल होंगे मर्ज 
स्कूल शिक्षा विभाग की जो प्लानिंग है उसके  तहत प्रत्येक 3 किलोमीटर में एक सीएम राइज स्कूल खोला जाएगा। इस दायरे में आने वाले अन्य सभी स्कूलों को इसमें मर्ज कर दिया जाएगा। सीएम राइज स्कूल में खुद का शानदार भवन होने के साथ ही अध्यापन के लिए आवश्यक अन्य संसाधन मौजूद रहेंगे। प्रदेश में स्थित तीन हजार संकुल केंद्रों को स्कूलों की सूची भेजकर सीएम राइज के लिए तीन-तीन स्कूलों का चयन करने के निर्देश थे। सरकार ने 2023 में सीएम राइज योजना के स्कूल शुरू करने का लक्ष्य रखा है। नई शिक्षा नीति में 15 से 20 किमी के दायरे में पुराने स्कूलों को मर्ज करने कहा गया है।
बेहतर परिणाम लाना है उद्देश्य
विद्यार्थियों का बौद्धिक स्तर सीबीएसई और आईसीएसई स्कूलों के मुताबिक लाना तथा सरकारी स्कूलों का परिणाम बेहतर लाना है।  ये स्कूल चार स्तर (संकुल से नीचे, संकुल, ब्लॉक और जिला) पर तैयार होंगे। जो शिक्षक इन स्कूलों में अध्यापन कराएँगे वे एक खास किस्म की ट्रेनिंग के उपरांत परीक्षा पास कर आएँगे। सूत्र बता रहे हैं कि ऐसे स्कूलों में विद्यार्थियों को हॉस्टल, परिवहन के साधन इसलिए मुहैया कराए जा रहे हैं,  ताकि विद्यार्थियों का पूरा फोकस अध्ययन पर रहे और वे निजी स्कूलों के विद्यार्थियों के मुकाबले खुद को खड़ा पा सकें। इन स्कूलों के विद्यार्थियों का ड्रेस कोड निजी स्कूलों के विद्यार्थियों की भाँति रहेगा।
ये  रहेंगी सुविधाएँ
संकुल से नीचे के स्कूल : कवर्ड कैंपस, स्मार्ट रूम, स्मार्ट क्लास, आईटीसी लैब (कम्प्यूटर लैब), म्यूजिक रूम, आर्ट एंड क्राफ्ट रूम सहित बैंकिंग काउंटर, कैफेटेरिया, क्रिएटिव थिंकिंग एरिया, जिम और एनसीसी आदि की सुविधा रहेगी। ब्लॉक स्तरीय स्कूलों में संकुल स्कूलों की तमाम सुविधाओं के साथ ऑडिटोरियम और शिक्षकों के लिए मकान की सुविधा रहेगी। जिला स्तरीय स्कूलों में स्विमिंग पूल, डिजिटल स्टूडियो, ट्रैक एंड फील्ड की सुविधा दी जाएगी।
 

Created On :   3 Feb 2021 2:59 PM IST

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