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कृषि विश्वविद्यालयों को सीएम का निर्देश- किसानों को लाभ दिलाने वाले फल विकसित करो

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि राज्य के कृषि विश्वविद्यालय महाराष्ट्र की पहचान दर्शाने वाले फसलों को विकसित करें। उन्होंने कहा कि कृषि विश्वविद्यालयों के अनुसंधान से किसानों के जीवन की अनिश्चितता खत्म हो और उनके जीवन में बदलाव आए। ऐसे फसल विकसित किए जानें चाहिए जिसे बाजार मिल सके। मंगलवार को मुख्यमंत्री ने राज्य के कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय के विद्यार्थी प्रयोगशीलता दिखाएं और इसका लाभ किसानों को मिले। उन्होंने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए। प्रशासन विभागवार फसलों को उगाने वाले किसानों का पंजीयन करे। उन्हें अच्छे बीज, खाद और उपज बेचने के लिए बाजार उपलब्ध कराएं। कृषि में उन्नति और सुधार महत्वपूर्ण है। इससे किसानों को स्वावलंबी होने में मदद मिल सकेगी। कृषि और उपज के लिए गोल्डन आवर महत्वपूर्ण है। समय पर उपज की खरीदी और बिक्री होना जरूरी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कहा कि कृषि को उद्योग का दर्जा मिलना चाहिए। कोई उद्यमी निवेश करने से पहले बाजार का सर्वे करता है। कृषि का भी मार्केट सर्वे अत्यंत जरूरी है।
प्रदेश के कृषि मंत्री दादाजी भुसे ने कहा कि राज्य में जो बिकेगा, उसी फसल को उगाया जाएगा, इस परिकल्पना को साकार करने का प्रयास किया जा रहा है। फलियां (बीन्स) और औषधि वनस्पतियों का बॉडिंग करना जरूरी है। कृषि राज्य मंत्री डॉ. विश्वजीत कदम ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालयों को राज्य में आधुनिक खेती और जैविक खेती को गति देने का प्रयास करना चाहिए। राज्य के मुख्य सचिव संजय कुमार ने कहा कि कम खेती वाले किसानों को स्वयंपूर्ण बनाने के लिए प्रयास करना जरूरी है। कृषि विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम बदलते समय के अनुरूप होना चाहिए।
Created On :   21 July 2020 6:01 PM IST