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टैक्टर जब्त नहीं कर सकते को-ऑपरेटिव बैंक के सचिव
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कर्ज न चुका पाने के चलते ट्रैक्टर जब्त किए जाने से परेशान 32 किसानों को राहत प्रदान की है।हाईकोर्ट ने कहा कि ट्रैक्टर को जब्त करने का अधिकार को-ऑपरेटिव बैंक के सचिव के पास नहीं है। इसलिए किसानों को राहत प्रदान की जाती है। को-ऑपरेटिव सोसायटी को निर्देश दिया है कि किसानों के जब्त किए गए ट्रैक्टर उन्हंप वापस लौटाए जाए।किसानों ने सोसायटी व बैंक की ओर से ट्रैक्टर को जब्त व नीलाम करने की कार्रवाई के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। बैंक ने ट्रैक्टरों की नीलामी की तारीख 16 अप्रैल तय की थी।इस कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग को लेकर किसानो ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इस मामले में नाशिक डिस्ट्रीक सेंट्रल को-आपरेटिव बैंक को भी पक्षकार बनाया गया है।
न्यायमूर्ति गौतम पटेल व न्यायमूर्ति माधव जामदार की खंडपीठ के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद खंडपीठ ने कहा कि प्रथम दृष्टया प्रतीत होता है कि बुद्रक विविध कार्यकारी को-आपरेटिव सोसायटी के सचिव ने अवैध तरीके से एक किसान का ट्रैक्टर जब्त किया है।जबकि सचिव के पास महाराष्ट्र को-आपरेटिव सोसायटी एक्ट इस तरह से ट्रैक्टर जब्त कर अपने कब्जे में लेन का अधिकार नहीं है। खंडपीठ ने कहा कि किसानों को दिए कर्ज की मूल राशि व उसकी ब्याज में बहुत ज्यादा अंतर है। खंडपीठ ने एक मामले का उदाहरण देते हुए कहा कि सीताबाई राऊत ने ट्रैक्टर के लिए मूल रुप से 6 लाख 90 हजार रुपए कर्ज लिया हैलेकिन इस रकम पर दस लाख 20 हजार 250 रुपए का दावा ब्याज के रुप में किया गया है।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील खंडपीठ को बताया गया कि किसानों ने पैसे लौटाने के लिए थोड़ा समय मांगा था फिर भी उनके ट्रैक्टर जब्त कर लिए गए है। एक किसान ने साल 2012 में ट्रैक्टर के लिए 17 प्रतिशत ब्याज पर कर्ज दिया गया था। इसमें से उसने साढे तीन लाख रुपए का भुगतान भी किया है। कर्ज की रकम की मांग की नोटिस दिए बिना ही किसान का ट्रैक्टर ले लिया है। इस तरह खंडपीठ ने मामले से जुड़े सभी तथ्यों पर गौर करने के बाद किसानों को राहत प्रदान की। और 27 जून को इस याचिका पर सुनवाई रखी है।
Created On :   14 April 2022 7:26 PM IST