जानबूझकर प्रकरणों को रोका, तो मानी जाएगी शासन की अव्हेलना : कलेक्टर छवि भारद्वाज

Collector Chhavi Bharadwaj strictly warned the bank officials
जानबूझकर प्रकरणों को रोका, तो मानी जाएगी शासन की अव्हेलना : कलेक्टर छवि भारद्वाज
जानबूझकर प्रकरणों को रोका, तो मानी जाएगी शासन की अव्हेलना : कलेक्टर छवि भारद्वाज

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। स्वरोजगार ऋण योजनाओं के प्रकरणों को स्वीकृत करने में ढिलाई बरतने वाले सभी बैंक अधिकारियों के विरूद्ध कलेक्टर छवि भारद्वाज ने अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के प्रस्ताव तैयार किया है। साथ ही इन्हें कर संबंधित बैंक के जोनल मुख्यालय एवं रिजर्व बैंक सहित राज्य स्तरीय साख समन्वय समिति को भेजने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में मंगलवार को आयोजित जिला स्तरीय साख समन्वय समिति की बैठक में शासन द्वारा प्रायोजित स्वरोजगार ऋण योजनाओं के तहत बैंकों को भेजे गए प्रकरणों और स्वीकृत प्रकरणों की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने कहा कि यदि बैंक अधिकारी जानबूझकर या बिना किसी वजह के ऋण प्रकरणों को लंबित रखते हैं तो इसे शासन के निर्देशों की अवहेलना माना जाएगा और उन्हें इसके परिणाम भुगतने होंगे।

कलेक्टर ने बैठक में कहा कि ऐसे बैंकों के अधिकारियों के खिलाफ न केवल उनके वरिष्ठ अधिकारियों एवं रिजर्व बैंक को अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रस्ताव भेजा जाएगा, बल्कि राज्य स्तरीय साख समिति और आयुक्त संस्थागत वित्त को भी आवश्यक कार्रवाई करने के लिए लिखा जाएगा। 

श्रीमती भारद्वाज ने सख्त लहजे में कहा कि एक माह पूर्व स्वरोजगार योजनाओं के ऋण प्रकरणों को स्वीकृति प्रदान करने की समय-सीमा दस जुलाई तय कर देने के बावजूद बैंक अधिकारियों द्वारा आधे से भी कम प्रकरणों को स्वीकृत किया जाना है। बैठक में जिला पंचायत की सीईओ हर्षिका सिंह, जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक देवव्रत मिश्रा उपस्थित रहे।

16 जुलाई तक करें स्वीकृत
कलेक्टर ने बैंक अधिकारियों को स्वरोजगार ऋण योजनाओं के शत-प्रतिशत प्रकरणों को 16 जुलाई तक स्वीकृत करने की अंतिम मोहलत देते हुए कहा कि इसके बाद भी बैंक अधिकारी अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतरते हैं या सहयोग नहीं करते तो उनके विरूद्ध और भी कठोर कार्रवाई के प्रस्ताव उनके बैंक के मुख्यालय को भेजे जाएंगे। कलेक्टर ने कुछ बैंकों के अधिकारियों को बैठक से अनुपस्थिति पर भी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने इन बैंक अधिकारियों को नोटिस जारी करने के निर्देश लीड बैंक अधिकारी को दिए। 

उन्होंने बैठक में मौजूद बैंकों के क्षेत्रीय प्रबंधकों से कहा कि वे जिला पंचायत में प्रत्येक शुक्रवार को आयोजित समीक्षा बैठक में अपने अधीनस्थ अधिकारियों की उपस्थिति हर हाल में सुनिश्चित करें। बैठक में बताया गया कि दस जुलाई तक शासन की विभिन्न स्वरोजगार ऋण योजनाओं, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना एवं मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना जैसी स्वरोजगार ऋण योजनाओं के तहत बैंकों द्वारा एक हजार 600 प्रकरणों को स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है।

Created On :   11 July 2018 8:00 AM GMT

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