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Jabalpur News: एक सप्ताह में होने वाली जांच सवा महीने में भी अधूरी

- 30 करोड़ के धान घोटाले में जिले के मिलर्स की मिलीभगत की भी होनी है जांच
- धान उपार्जन के बाद गेहूं की खरीदी भी हो गई, ऐसे में ठंडा पड़ जाएगा मामला
- पुलिस ने धान घोटाले में फरार आरोपियों पर इनाम घोषित किया है।
Jabalpur News: धान परिवहन घोटाले में शामिल मिलर्स की जांच के लिए खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की अपर मुख्य सचिव ने मार्च माह में आदेश दिए थे कि एक सप्ताह में सभी मिलर्स की जांच कर रिपोर्ट भोपाल भेजी जाए। मई माह भी आधा बीतने को आ गया है लेकिन अभी भी जांच रिपोर्ट तैयार नहीं हुई है। ऐसे में धान का मामला पूरी तरह ठंडा पड़ जाएगा क्योंकि अब तो गेहूं की भी खरीदी हो चुकी है और बारिश के दौरान फिर से धान की बुआई होने लगेगी।
20 मार्च को अंतर जिला धान मिलिंग में 30 करोड़ का फर्जीवाड़ा सामने आया था और कलेक्टर दीपक सक्सेना ने इस मामले में 12 थानों में 74 अधिकारियों और कर्मचारियों पर 12 एफआईआर दर्ज कराई थी। इसके बाद 26 मार्च को भोपाल से पत्र आया था कि इस मामले में मिलर्स की जांच कराई जाए और यह देखा जाए कि वहां कितनी धान है, मिलर्स ने किन वाहनों का उपयोग किया, कितनी मात्रा में उठाव किया।
इसके साथ ही कई अन्य बिंदु भी दिए गए थे। कलेक्टर ने जांच दल गठित कर दिया था और उसे हर हाल में एक सप्ताह में जांच रिपोर्ट तैयार कर देने के निर्देश भी दिए गए थे लेकिन सवा महीने बाद भी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गई है।
आरोपियों पर घोषित हैं इनाम
पुलिस ने धान घोटाले में फरार आरोपियों पर इनाम घोषित किया है। शुरुआत में कुछ आरोपियों की गिरफ्तारी हो भी गई लेकिन इसके बाद पुलिस ने भी ध्यान नहीं दिया और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कोई खास प्रयास नहीं किए गए। यही कारण है कि अभी तक वरिष्ठ अधिकारी तक हिरासत में नहीं लिए जा सके हैं।
इतनों पर दर्ज है एफआईआर
कलेक्टर द्वारा कराई गई जांच में दोषी पाए गए मप्र स्टेट सिविल सप्लाइज कारपोरेशन के प्रभारी जिला प्रबंधक सहित कुल 13 कर्मचारी, 17 राइस मिलर संचालक, 25 सोसायटी और उपार्जन केन्द्र के 44 कर्मचारियों के खिलाफ पुलिस में मामले दर्ज कराए गए थे।
Created On :   13 May 2025 6:58 PM IST