कलेक्ट्रेट - साहब के जाते ही खाली हो जाते हैं अधिकारियों के भी दफ्तर 

Collectorate - Officers offices also become vacant as soon as they leave
कलेक्ट्रेट - साहब के जाते ही खाली हो जाते हैं अधिकारियों के भी दफ्तर 
कलेक्ट्रेट - साहब के जाते ही खाली हो जाते हैं अधिकारियों के भी दफ्तर 

डिजिटल डेस्क जबलपुर । जिले की कमान नये कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने सँभाल ली है इसके बाद भी कलेक्ट्रेट के साहबों की कार्यप्रणाली नहीं बदली है। नये साहब जैसे ही दौरे पर या लंच पर निकलते हैं, पीछे से जितने भी अधिकारी हैं वे भी दफ्तर से फुर्र हो जाते हैं। इस दौरान आमजन साहबों से मिलने परेशान होते रहते हैं। नये साहब के आने के बाद कहा जा रहा था कि काम में अब कसावट आयेगी, लेकिन अभी भी कलेक्ट्रेट का काम पुराने ढर्रे पर चल रहा है। अधिकारियों के जाते ही कई विभागों के कर्मचारी भी गायब हो जाते हैं। दूसरी तरफ अपर कलेक्टर शहर हर्ष दीक्षित जिनके पास कोरोना वायरस से जुड़ी खरीददारी और कोविड सेंटरों के साथ ही विक्टोरिया अस्पताल, सुखसागर, ज्ञानोदय और श्रमोदय विद्यालय की जवाबदारी है वे तो कभी दफ्तर में बैठते ही नहीं हैं। साहब अगर कभी दफ्तर में मिल भी गये तो जनता की सुनवाई नहीं करते हैं। इसी तरह उन्होंने उनकी कोर्ट में लगे प्रकरण की फाइल भी महीनों से नहीं देखी है।


 

Created On :   28 Aug 2020 1:01 PM GMT

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