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कलेक्ट्रेट की तीसरी आँख बंद - सुरक्षा की दृष्टि से लगाए गए हैं 40 कैमरे, ज्यादातर हो गए खराब

डिजिटल डेस्क जबलपुर । कलेक्ट्रेट में सुरक्षा की दृष्टि से वैसे तो 40 से ज्यादा कैमरे लगे हैं, लेकिन इनमें से ज्यादातर बंद हैं। मुख्य गेट, पार्किंग स्थल सहित 8 कैमरे तो ऐसे हैं, जो किसी काम के नहीं बचे हैं। ज्यादातर कैमरों से निगरानी ही नहीं हो पा रही है। वे महज शो-पीस बनकर रह गए हैं। कलेक्ट्रेट में दिन भर लोगों की आवाजाही लगी रहती है इसके बाद भी अधिकारियों द्वारा इस तरह की लापरवाही बरती जा रही है। दूसरी तरफ तीनों गेटों पर स्टैण्ड चल रहे हैं, यहाँ आए दिन पार्किंग को लेकर विवाद होते हैं फिर भी सुधार नहीं हो रहा है। बताया जाता है कि इन कैमरों को इसलिये लगाया गया था कि आये दिन वाहनों की चोरी हो रही थीं और यह पता नहीं चल पा रहा था कि वाहन कौन उठाकर ले गया। इसी तरह वाहन स्टैण्ड पर खड़े वाहनों से वाहन शुल्क लेने पर भी विवाद बन रहे थे। वाहन स्टैण्ड के संचालक से भी आये दिन बहस हो रही थी। कई तरह के आरोप भी लग रहे थे। इसी के मद््देनजर कैमरे लगवाये गये थे, जिसकी मॉनिटरिंग नाजरात शाखा से की जा रही थी। एसडीएम-तहसीलदारों पर भी रहती थी नजर 8 एसडीएम और तहसीलदार, नायब तहसीलदार पहले कलेक्ट्रेट कार्यालय में ही बैठते थे। इनके दफ्तरों में पैसे के लेन-देन की िशकायतें मिल रही थीं, जिसके बाद इन अधिकारियों पर नजर रखने तत्कालीन कलेक्टर ने इनके कमरों में कैमरे लगवाये थे। कलेक्टर के कमरे में स्क्रीन लगवाई गई थी जहाँ से पूरी नजर भी रखी जाती थी। अब तो बहुत से कैमरे बंद हो गये हैं या कैमरों का मुँह दीवारों की तरफ घुमा दिया गया है। अब तो एसडीएम और तहसील कार्यालय भी कलेक्ट्रेट से संबंधित क्षेत्रों में चले गये हैं जिससे वहाँ क्या हो रहा है यह भी पता नहीं चलता है।
Created On :   13 Feb 2021 2:54 PM IST