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कॉलोनाइजर का कारनामा - जहां बननी है सरकारी सड़क, वहां काट दिए प्लाट

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। कॉलोनाइजर और अफसरों की सांठगांठ का बड़ा मामला सामने आया है। मिलीभगत के चलते सरकारी जमीन पर भी कॉलोनी काटने की अनुमति दे दी गई। स्थानीय लोगों ने जब विरोध दर्ज कराया तो ये फर्जीवाड़ा यहीं शांत नहीं हुआ। दस्तावेजों में नया मास्टर प्लान लागू होने के बाद जहां सरकारी सड़क बननी थी। वहां कॉलोनाइजर ने न केवल प्लाट काट दिए, बल्कि जमीन पर बाउंड्रीवाल का भी निर्माण कर दिया गया। मामला उजागर होने के बाद कॉलोनाइजर से लेकर अफसर तक इस प्रकरण पर चुप्पी साधे हुए हैं। वहीं रहवासियों की शिकायतों के बाद भी प्रकरण में अब तक एक जांच तक नहीं बैठाई गई।
मामला वार्ड नं. 25 का हैं। यहां शिवोम डेवलपर्स द्वारा कॉलोनी का निर्माण किया जा रहा है। 22 हजार 660 वर्गमीटर में बन रही इस कॉलोनी के बीच से ही नागपुर रोड से लेकर चार फाटक तक 18 मीटर की सड़क जा रही है लेकिन नगर एवं ग्राम निवेश विभाग द्वारा कॉलोनाइजर को बिना कोई दस्तावेजों का परीक्षण किए कॉलोनी के निर्माण की अनुमति प्रदान कर दी गई। अनुमति मिलने के साथ ही कॉलोनाइजर ने भी फुर्ती दिखाते हुए पूरे क्षेत्र को बाउंड्री से कवर कर दिया। इतना ही नहीं जहां से सरकारी सड़क जाना है वहां भी प्लाट काटने शुरु कर दिए गए। अब स्थानीय लोग पिछले दो महीने से इस कॉलोनाइजर के खिलाफ शिकायत दर्ज करा रहे है लेकिन अफसर है कि टस से मस नहीं हो रहे। इस मामले में शिवोम डेवलपर्स के संचालक किशोर साहू से संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने प्रकरण में कुछ भी कहने से साफ इंकार कर दिया।
नियमों से समझिए मामला
- जिस जमीन पर कॉलोनाइजर द्वारा प्लॉटिंग की गई। उस पर 18 मीटर सड़क जा रही है। शासन के मार्गाधिकार के अंतर्गत आने वाले भूखंडों का विक्रय मान्य नहीं हो सकता है। फिर कॉलोनाइजर द्वारा कॉलोनी कवर कर दी गई।
- नियमों के तहत कॉलोनाइजर को प्रस्तावित व अनुमोदित मार्गों को निरंतरता रखना होगा तथा पुलिया का निर्माण भी खुद करना होगा, लेकिन इस नियम का पालन भी नहीं किया जा रहा है। सड़क मार्ग बंद होने से स्थानीय लोग परेशान हो रहे हैं।
सबसे बड़ा सवाल... किस आधार पर दी अनुमति
पूरे प्रकरण में नगर एवं ग्राम निवेश विभाग की भूमिका संदिग्ध है। जब प्रस्तावित मास्टर प्लान में उक्त मार्ग पर सड़क निर्माण किया जाना है तो किस आधार पर विभाग द्वारा नक्शा पास कर दिया गया। नक्शा पास होने के बाद ही कॉलोनाइजर ने अन्य विभागों से भी अनुमति हासिल करते हुए कॉलोनी का डेवलपमेंट शुरु कर दिया हैं।
इनका कहना है....
- मामले की शिकायत आई थी जिसके बाद कॉलोनाइजर के प्लाटों की बिक्री पर रोक लगा दी गई हैं। स्थानीय लोग आपत्ति भी दर्ज करा सकते हैं।
जैन संचालक, टीएनसीपी
- 78 वर्षों से यहां निवास कर रहे हैं। नक्शे में रोड है उसके बाद भी अधिकारियों द्वारा कॉलोनाइजर को जमीन आवंटित कर दी गई हैं।
यशवंतरावजी दास
स्थानीय निवासी
Created On :   11 Feb 2020 2:54 PM IST